Tokyo Olympics: 8 घंटे कठिन मेहनत, नॉर्वे से आ रहा था खाना, जानिए मेडल विजेता मीराबाई चानू की कहानी

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 26, 2021 08:21 PM2021-07-26T20:21:54+5:302021-07-26T20:21:54+5:30

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मणिपुर की इस खिलाड़ी ने 49 किग्रा वर्ग में कुल 202 किग्रा (87 किग्रा + 115 किग्रा) भार उठाकर शनिवार को रजत पदक हासिल किया था। इससे पहले भारोत्तोलन में 2000 सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी के कांस्य पदक जीता था।

शानदार प्रदर्शन से उन्होंने 2016 के खेलों की निराशा को दूर किया जहां वह एक भी वैध भार उठाने में विफल रही थी। चानू पूर्व विश्व चैंपियन और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भी रह चुकी हैं।

मीराबाई ने इस मेडल के लिए पिछले 6 साल से कड़ी मेहनत की है। सख्त आहार और प्रशिक्षण दिनचर्या का पालन किया।

मीराबाई चानू ने 49 किग्रा भार वर्ग में रजत पदक जीता और कोचिंग टीम के सदस्य एपी दत्त ने उनकी सहायता की। एक इंटरव्यू में एपी दत्त ने मीराबाई के डाइट प्लान के बारे में बताया। दत्त मीराबाई की डाइट पर नजर रखते थे।

मनोरमा न्यूज की एक रिपोर्ट के अनुसार, दत्त ने कहा कि नाश्ते में अंडे, दो रोटियां और पांच प्रकार के फल होते हैं, जिसमें एवोकैडो भी शामिल है। दोपहर के भोजन के लिए, मीराबाई ने मछली और सालमन, टूना का मांस खाया, जो सीधे नॉर्वे से आया था।

ट्रेनिंग इस तरह से की गई थी कि उनका वजन 49 किलो से ज्यादा नहीं हो। दत्त के मुताबिक, मीराबाई सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को दो बार वेट ट्रेनिंग सेशन करती थीं, जबकि मंगलवार और गुरुवार को सिर्फ एक वेट ट्रेनिंग सेशन होता था।

तोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाली भारतीय भारोत्तोलक मीराबाई चानू सोमवार को स्वदेश लौटी तो हवाई अड्डे पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस दौरान हालांकि हवाई अड्डे पर अफरा-तफरी भी मच गयी और कोविड-19 से बचाव के लिए लागू किये सामाजिक दूरी के नियमों की पूरी तरह अनदेखी की गयी।  

मीराबाई चानू रोजाना 8 घंटे जिम में एक्सरसाइज करती थीं। उसकी ट्रेनिंग सुबह 6.30 बजे शुरू होती थी और वह डेढ़ घंटे तक कड़ी मेहनत करती थी। उसके बाद मैं 10 से 1 और शाम को 4.30 से 7.30 बजे तक ट्रेनिंग।