1 / 9वित्त मंत्री निर्मला सीतामरमण समेत अधिकारियों की जीएसटी परिषद की बैठक के बाद नई जीएसटी दरों की घोषणा की गई है। 2 / 9अब, मौजूदा चार-स्तरीय संरचना (5%, 12%, 18% और 28%) को दो मुख्य स्लैबों, 5% और 18%, में बदल दिया गया है।3 / 9इसके अलावा, एक नया 40% का स्लैब भी बनाया गया है, जिसे विशेष रूप से कुछ चुनिंदा 'लग्जरी' और 'हानिकारक' (sin) वस्तुओं पर लागू किया जाएगा। ये नई दरें 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होंगी।4 / 9हालांकि, अब सवाल उठता है कि इसका असर आप पर कैसे होगा और क्या रोजाना की जरूरत का सामान लेना महंगा हो जाएगा?5 / 9कई खाद्य पदार्थ अब सस्ते हो गए हैं। दूध, पनीर, रोटी, पराठे और पिज्जा ब्रेड को जीएसटी से पूरी तरह छूट दी गई है।6 / 9मक्खन, घी, जैम, सॉस, सूप, पास्ता, नमकीन और मिठाइयों पर अब 5% कर लगेगा, जो पहले 12-18% था। बादाम, काजू और पिस्ता जैसे सूखे मेवों पर भी 5% कर लगेगा।7 / 9किराने के सामान पर 8,000-10,000 रुपये खर्च करने वाले परिवार के लिए, इसका मतलब हर महीने कुछ सौ रुपये की बचत हो सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि पैकेज्ड और प्रोसेस्ड फ़ूड कितना खरीदा जाता है।8 / 9यह राहत के सबसे बड़े क्षेत्रों में से एक है। कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज सहित 33 जीवन रक्षक दवाएं अब जीएसटी-मुक्त हैं। 9 / 9अधिकांश अन्य दवाएं, डायग्नोस्टिक किट, थर्मामीटर और चिकित्सा उपकरण 12-18% से घटकर 5% के दायरे में आ गए हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।