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अफगान सहयोगियों का साथ देंगे, भारतीयों व देश के हितों की सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएंगे: मंत्रालय

By भाषा | Updated: August 16, 2021 21:41 IST

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अफगानिस्तान के ताजा घटनाक्रम पर अपनी पहली प्रतिक्रिया में, भारत ने सोमवार को कहा कि वह अपने अफगान सहयोगियों के साथ ‘खड़ा रहेगा’ और उस देश में भारतीय नागरिकों के साथ ही अपने हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगा। इसके साथ ही भारत ने यह भी कहा कि वह युद्धग्रस्त देश छोड़ने की इच्छा रखने वाले सिखों और हिंदुओं को आने के लिए सुविधाएं मुहैया कराएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है और काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक उड़ानों के निलंबन ने भारत के प्रत्यावर्तन प्रयासों को ‘रोक’ दिया है।’’ राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश से बाहर चले जाने के बाद रविवार को तालिबान के लड़ाके काबुल में घुस गए। इसके साथ ही दो दशक लंबे उस अभियान का आश्चर्यजनक अंत हो गया जिसमें अमेरिका और उसके सहयोगियों ने देश में बदलाव लाने की कोशिश की थी। बागची ने कहा, "पिछले कुछ दिनों के दौरान काबुल में सुरक्षा स्थिति काफी खराब हो गयी है। इसमें तेजी से बदलाव हो रहा है... भारत सरकार अफगानिस्तान के सभी घटनाक्रमों पर करीबी नजर रख रही है।’’ बागची तालिबान द्वारा देश पर नियंत्रण स्थापित कर लिए जाने के बाद अफगानिस्तान की स्थिति के संबंध में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, "हम अफगान सिख और हिंदू समुदायों के प्रतिनिधियों के साथ लगातार संपर्क में हैं। हम उन लोगों की भारत वापसी के लिए सुविधा मुहैया कराएंगे जो अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं।" उन्होंने कहा कि कई ऐसे अफगान भी हैं जो पारस्परिक विकास, शैक्षिक और लोगों से लोगों के बीच के संपर्क के प्रयासों को बढ़ावा देने में भारत के सहयोगी रहे हैं और भारत उनके साथ खड़ा रहेगा। बागची ने कहा कि भारत लोगों की वापसी की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के चालू होने का इंतजार कर रहा है। उन्होंने कहा, "काबुल हवाई अड्डे पर वाणिज्यिक परिचालन को आज निलंबित कर दिया गया। इससे लोगों की वापसी के हमारे प्रयासों पर रोक लग गयी। हम प्रक्रिया को फिर से शुरू करने के लिए उड़ानों के पुन: शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।" बागची ने कहा, ‘‘अफगानिस्तान की स्थिति पर उच्च स्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों और अपने हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएगी।" विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अफगानिस्तान में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा के लिए काबुल में भारतीय दूतावास द्वारा समय-समय पर जारी परामर्श का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आपातकालीन संपर्क नंबर प्रसारित किए थे और समुदाय के सदस्यों को सहायता भी प्रदान कर रहे थे। हम इस बात से अवगत हैं कि अफगानिस्तान में अब भी कुछ भारतीय नागरिक हैं जो वापस आना चाहते हैं और हम उनके संपर्क में हैं।"भारत सहित कई देश तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर इतनी जल्दी काबिज होने से चकित हैं। एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहा, "निश्चित रूप से, हमें काबुल का इतनी जल्दी पतन होने की उम्मीद नहीं थी।" भारत अफगानिस्तान की प्रगति में एक प्रमुख हितधारक रहा है और इसने पूरे देश में लगभग 500 परियोजनाओं को पूरा करने में लगभग तीन अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे को भारत के लिए एक झटके के रूप में देखा जा रहा है क्योंकि आतंकवादी संगठन को पाकिस्तानी सेना का खासा समर्थन मिला हुआ है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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