लाइव न्यूज़ :

भारत-चीन सीमा पर भिड़ंत में क्यों नहीं होती है फायरिंग, जानें 1993 में दोनों देशों के बीच क्या हुआ था समझौता

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 17, 2020 07:26 IST

पूर्वी लद्दाख में सोमवार रात गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैनिक शहीद हो गए ।

Open in App
ठळक मुद्देपिछले पांच दशक से भी ज्यादा समय में सबसे बड़े सैन्य टकराव के कारण लद्दाख सीमा पर पहले से जारी गतिरोध और भड़क गया है । वर्ष 1967 में नाथू ला में झड़प के बाद दोनों सेनाओं के बीच यह सबसे बड़ा टकराव है। भारत ने 3500 किलोमीटर की सीमा पर चीन के आक्रामक रवैये से निपटने के लिए दृढ़ रुख जारी रखने का फैसला किया है

भारत औऱ चीन के बीच लद्दाख में जारी विवाद सोमवार रात को हिंसक झड़प में तब्दील हो गया. इस झड़प में भारतीय सेना के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 जवान शहीद हो गए. यह घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सब कुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रही थी. इस विवाद के बीच जानते हैं कि आखिर चीन और भारत के बीच झड़प में गोलीबारी क्यों नहीं होती. क्या है साल 1993 में हुआ वो समझौता जो तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंहा राव ने चीन की यात्रा के दौरान किया था.

चीन के साथ लगी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल करीब 3488 किलोमीटर की है, जबकि चीन मानता है कि यह बस 2000 किलोमीटर तक ही है. साल 1991 में तत्कालीन चीनी प्रधानमंत्री ली पेंग भारत दौरे पर आए थे. तब तत्कालीन प्रधानमंत्री राव ने ली के साथ एलएसी पर शांति और स्थिरता बनाए रखने को लेकर बातचीत की थी.

इसके बाद प्रधानमंत्री राव साल 1993 में चीन गए. इसी दौरान दोनों देशों के बीच एलएसी पर शांति बरकरार रखने के लिए एक समझौता किया गया. समझौते के तहत 9 बिंदुओं पर आम सहमित बनी. इसमें से आठ बहुत महत्वपूर्ण माने गए थे. समझौते पर भारत के तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री आर.एल. भाटिया और तत्कालीन चीनी उप विदेश मंत्री तांग जियाशुआन ने हस्ताक्षर किए थे.

इस समझौते की मुख्य बात यह थी कि भारत-चीन सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने पर जोर दिया जाएगा. इसमें तय हुआ कि दूसरे पक्ष के खिलाफ बल या सेना प्रयोग की धमकी नहीं दी जाएगी. दोनों देशों की सेनाओं की गतिविधियां वास्तविक नियंत्रण रेखा से आगे नहीं बढ़ेंगी. अगर एख पक्ष के जवान वास्तविक नियंत्रण की रेखा को पार करते हैं तो उधर से संकेत मिलते ही तत्काल वास्तविक नियंत्रण रेखा में वापस चले जाएंगे.

समझौते के अनुसार दोनों पक्ष विश्वास बहाली के उपायों के जरिए वास्तविक नियंत्रण रेखा के इलाकों में काम करेंगे. सहमति के पहचाने गए क्षेत्रों में कोई भी पक्ष सैन्य अभ्यास के स्तर पर कार्य नहीं करेगा. हर पक्ष इस समझौते के तहत वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अलग-अलग स्तरों के सैन्य अभ्यास की पूर्व सूचना देगा.

टॅग्स :लद्दाखचीनइंडियाभारतीय सेना
Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIND Vs PAK, U19 Asia Cup 2025: टॉस के दौरान आयुष म्हात्रे ने पाकिस्तान के कप्तान फरहान यूसुफ से हाथ मिलाने से किया इनकार

विश्वSouth Africa: 4 मंजिला मंदिर के ढहने से हादसा, एक भारतीय समेत चार की मौत

क्रिकेटIND vs PAK, U19 Asia Cup: दुबई में पाकिस्तान से भिड़ेगी भारतीय युवा टीम, मैच कब, कहाँ और कैसे देखें?

भारतVIDEO: थलसेना प्रमुख ने अधिकारियों के साथ किए पुशअप्स, देखें वीडियो

भारतकिल्लत से बचने के लिए जरूरी है ऊर्जा संरक्षण

भारत अधिक खबरें

भारतआजादी के बाद 55 सालों तक कांग्रेस ने भारत को लूटने का काम किया: सम्राट चौधरी

भारतबिहार विधान परिषद के सदस्य बंशीधर ब्रजवासी के दिल में बसते हैं स्व. बाला साहेब ठाकरे

भारतयूपी पंचायत और 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले 7 बार के सांसद और कुर्मी नेता पंकज चौधरी को नया यूपी बीजेपी अध्यक्ष बनाया गया

भारतजेल में बंद सोनम वांगचुक के HIAL इंस्टीट्यूट को UGC मान्यता देने की मांग, संसदीय समिति ने पैरवी

भारतLionel Messi India Tour: मुंबई में ट्रैफिक एडवाइजरी जारी, वानखेड़े और ब्रेबोर्न स्टेडियम में पार्किंग बंद; जानें रूट