who was Damodar Rout: वयोवृद्ध बीजू जनता दल (बीजद) नेता और ओडिशा के पूर्व मंत्री दामोदर राउत का शुक्रवार सुबह भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 83 वर्ष के थे। राउत ने आज सुबह 5:23 बजे आखिरी सांस ली। पार्थिव शरीर को भुवनेश्वर में यूनिट-6 स्थित उनके सरकारी आवास पर ले जाया जाएगा, जहां उनके शुभचिंतक नेता को अंतिम सम्मान देंगे। निधन के बाद प्रशंसकों का रो-रो का बुरा हाल हो गया है। कई प्रसिद्ध हस्तियों ने दुख व्यक्त किया। परिवार के सदस्यों ने बताया कि सात बार के विधायक को 18 मार्च को कार्डियक अरेस्ट हुआ था।
उन्हें तुरंत कैपिटल अस्पताल ले जाया गया और बाद में भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। गुरुवार को राउत के बेटे संबित राउत्रे ने अनुरोध के बावजूद सीपीआर प्रदान नहीं करने के लिए कैपिटल अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया। अस्पताल अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जिस समय नेता को अस्पताल लाया गया था उस दौरान सीपीआर की आवश्यकता नहीं थी।
उनके परिवार में उनके बेटे और पारादीप के बीजद विधायक संबित राउत्रे और उनकी बेटी तथा भुवनेश्वर की पार्षद प्रतिनंदा हैं। उनकी पत्नी स्नेहलता महापात्रा की पहले ही मृत्यु हो गई थी। वह स्कूल शिक्षिका थीं। राउत को 18 मार्च को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्हें जीवन रक्षक प्रणाली पर रखा गया था।
वहीं, बृहस्पतिवार को उन्हें मस्तिष्कीय रूप से मृत घोषित कर दिया गया था। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, राज्यपाल रघुबर दास, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और कई प्रसिद्ध हस्तियों ने राउत के निधन पर दुख व्यक्त किया। राउत पेशे से पशु चिकित्सक थे। पूर्व मुख्यमंत्री बीजू पटनायक से प्रभावित होने के बाद 1970 के दशक में वह राजनीति में शामिल हुए थे।
वह पहली बार 1977 में विधानसभा के लिए चुने गए थे। दामोदार राउत सात बार विधायक रहे थे। उन्होंने पांच बार जगतसिंहपुर के इरासामा से और दो बार पारादीप से विधायक के रूप में प्रतिनिधित्व किया था। उन्होंने बीजू पटनायक और उनके बेटे नवीन पटनायक दोनों के नेतृत्व वाली सरकारों में मंत्री के रूप में कई महत्वपूर्ण विभाग भी संभाले थे।
राउत पर 'पार्टी विरोधी' गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगा था, जिसके बाद उन्हें बीजद से निष्कासित कर दिया गया था और फिर साल 2019 में वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए थे। उन्होंने इरासामा-बालीकुडा सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
बीजद ने इस साल एक जनवरी को राउत का निष्कासन रद्द कर दिया, जिसके बाद वह दोबारा पार्टी में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर की गई एक पोस्ट में कहा, राउत के द्वारा जनता की सेवा के लिए किए गए कार्यों को सदैव याद रखा जायेगा।
उन्होंने कहा, ''बीजू जनता दल के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री दामोदर राउत के निधन के बारे में जानकर मुझे दुख हुआ है। यह ओडिशा की राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा जनता की सेवा के लिए किए गए कार्यों को सदैव याद रखा जायेगा। उनकी आत्मा को शांति मिले।
शोक संतप्त परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं।'' राजभवन की ओर से बताया गया कि राज्यपाल ने पूर्व मंत्री के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राउत के परिवार ने कहा कि पुरी के स्वर्गद्वार में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।