नई दिल्ली: बुधवार, 16 अगस्त को मोदी कैबिनेट की एक अहम बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है। इसके साथ पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी गई है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पीएम ई-बस सेवा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस पर 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें प्रदान की जाएंगी।
ये योजना देश के 100 शहरों में लागू होगी। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इसमें से 20 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार की तरफ से खर्च किए जाएंगे जबकि बाकी पैसे राज्य सरकारें खर्च करेंगी। यह योजना 3 लाख और उससे अधिक आबादी वाले शहरों को कवर करेगी। इस योजना के तहत, सिटी बस संचालन सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर 10,000 ई-बसों के साथ किया जाएगा। यह योजना 10 वर्षों तक बस संचालन का समर्थन करेगी।
वहीं केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने विश्वकर्मा योजना के बारे में जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री ने आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'पीएम विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दे दी। इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्य रूप से ये योजना उन लोगों के लिए जो पीढ़ी दर पीढी अपना पुश्तैनी काम जारी रखे हुए हैं। इससे लुहार, सुनार, कुम्हार, दर्जी, नाव बनाने वाले, लकड़ी के खिलौने और उपयोगी सामग्री बनाने वाली जातियों और समुदाय के लोग लाभान्वित होंगे।
बता दें कि विश्वकर्मा योजना के बारे में पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर लाल किले से घोषणा की थी। पीएम ने कहा था कि विश्वकर्मा जयंती के मौके पर विश्वकर्मा योजना शुरू की जाएगी। कारीगरों और छोटे व्यवसायों से जुड़े लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा। सरकार पारंपरिक कौशल वाले लोगों के लिए अगले महीने 13,000 से 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ विश्वकर्मा योजना शुरू करेगी।