नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति चुनाव में पराजय के बाद विपक्षी खेमे की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा ने उन विपक्षी दलों पर निशाना साधा है जिन्होंने उन्हें वोट नहीं डाला। हार से निराश अल्वा ने कहा कि कुछ विपक्षी दलों ने एकजुट विपक्ष के विचार को पटरी से उतारने का प्रयास करते हुए भाजपा का समर्थन किया।
चुनाव में एनडीए उम्मीदवार धनखड़ के 528 वोटों के मुकाबले अल्वा को महज 182 वोट पड़े, जबकि 15 वोट अमान्य घोषित किए गए। चुनाव में कुल 725 वोट डाले गए। चुनाव का परिणाम आने के बाद मार्गरेट अल्वा ने एक के बाद एक ट्वीट किया। सबसे पहले उन्होंने धनखड़ को चुनाव जीतने की बधाई दी।
ट्विटर पर उन्होंने लिखा, धनखड़ को उपराष्ट्रपति चुने जाने पर बधाई ! मैं विपक्ष के सभी नेताओं और सभी दलों के सांसदों को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इस चुनाव में मुझे वोट दिया। साथ ही, हमारे छोटे लेकिन गहन अभियान के दौरान सभी स्वयंसेवकों को उनकी निस्वार्थ सेवा के लिए।
इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने निराशा व्यक्त करते हुए लिखा, यह चुनाव विपक्ष के लिए एक साथ काम करने, अतीत को पीछे छोड़ने और एक दूसरे के बीच विश्वास बनाने का अवसर था। दुर्भाग्य से, कुछ विपक्षी दलों ने एकजुट विपक्ष के विचार को पटरी से उतारने के प्रयास में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाजपा का समर्थन करना चुना।
उन्होंने आगे लिखा, मेरा मानना है कि ऐसा करके इन पार्टियों और उनके नेताओं ने अपनी साख को नुकसान पहुंचाया है। और अंत के ट्वीट में अल्वा ने लिखा, यह चुनाव खत्म हो गया है। हमारे संविधान की रक्षा, हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने और संसद की गरिमा बहाल करने की लड़ाई जारी रहेगी। जय हिन्द।