Uniform Civil Code: कांग्रेस के रुख से अलग जाते हुए हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए अपना ‘‘पूर्ण समर्थन’’ दिया और इसका ‘‘राजनीतिकरण’’ नहीं किये जाने का आग्रह किया।
राज्य की कांग्रेस सरकार में लोक निर्माण एवं खेल मंत्री ने हालांकि सवाल किया कि लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले यह मुद्दा क्यों उठाया जा रहा है। सिंह कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की प्रमुख प्रतिभा सिंह के बेटे हैं। उनके दिवंगत पिता वीरभद्र सिंह छह बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
समान नागरिक संहिता का समर्थन करने और इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की अपील के एक दिन बाद हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने शनिवार को कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) रणनीति के तहत चुनाव से पहले विवादित मुद्दों को उठा रही है।
यहां मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए सिंह ने कहा कि वह (भाजपा) बेरोजगारी और महंगाई जैसे मूल मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश प्रतिबद्ध होकर कर रही है। इस मुद्दे को उठाने के समय को लेकर सवाल उठाते हुए सिंह ने कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पिछले नौ साल से पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में है लेकिन पहले समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया और अब चुनावी फायदे के लिए इसपर बहस कराने की कोशिश कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाया कि इससे पहले भी भाजपा ने लोगों को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के नाम पर भ्रमित करने के अलावा पुलवामा आतंकवादी हमला, अनुच्छेद-370 को हटाने और अयोध्या में राम मंदिर जैसे मुद्दे उठाए हैं। सिंह, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह के बेटे हैं।
उनके पिता वीरभद्र सिंह प्रदेश के छह बार मुख्यमंत्री रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जब भी समान नागरिक संहिता विधेयक आएगा उसका हम समर्थन करेंगे। कांग्रेस पार्टी देश की एकता और अखंडता को लेकर प्रतिबद्ध है और इसके लिए कांग्रेस अपना पूरा समर्थन देगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस समय कई अहम मुद्दे हैं जैसे मणिपुर का, जो पिछले दो महीने से जल रहा है ....न तो मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई और न ही राज्यपाल शासन लागू किया गया जबकि ऐसी ही परिस्थितियों में अन्य राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था।’’
उन्होंने राज्य की भाजपा इकाई की भी केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश की कर्ज क्षमता घटाए जाने पर साधी कई कथित चुप्पी को लेकर आलोचना की। गौरतलब है कि सिंह ने इससे पहले फेसबुक पोस्ट में कहा था, ‘‘ मैं समान नागरिक संहिता का पूरी तरह से समर्थन करता हूं क्योंकि यह भारत की एकता और अखंडता के लिए जरूरी है लेकिन इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।’’