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Thackeray Sena VS Shinde Sena: "यह लोकतंत्र की हत्या है, इससे बेशर्म फैसला कभी नहीं देखा, हम लड़ेंगे", आदित्य ठाकरे ने कहा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Updated: January 11, 2024 08:05 IST

शिवसेना पर स्पीकर राहुल नार्वेकर के दिये फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इससे अधिक "बेशर्म फैसला" कभी नहीं देखा है।

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ठळक मुद्देशिवसेना पर स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले को आदित्य ठाकरे ने बताया 'बेशर्म फैसला' आदित्य ठाकरे ने कहा कि स्पीकर के फैसले से लोकतंत्र की हत्या हुई है, हमारी लड़ाई जारी रहेगीफैसले ने महाराष्ट्र में लोकतंत्र की हत्या ही नहीं की, इससे संविधान के सिद्धांतों की हत्या हुई है

मुंबई:महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा जून 2022 में पार्टी में विभाजन के बाद एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना बताने का फैसला देने पर बेहद कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इससे अधिक "बेशर्म फैसला" कभी नहीं देखा है।

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में मंत्री रहे आदित्य ठाकरे ने बुधवार को फैसला आने के बाद कहा, "ट्रिब्यूनल का इससे अधिक शर्मनाक फैसला कभी नहीं देखा, इस फैसले ने लोकतंत्र की हत्या की है।"

इसके साथ ही ठाकरे ने एकनाथ शिंदे गुट पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण समय है क्योंकि इस समय यहां पर "गद्दारों का शासन" चल रहा है।

उन्होंने कहा, "स्पीकर राहुल नार्वेकर द्वारा लिया गया फैसला सीधे तौर पर संविधान के खिलाफ है और इसे लोकतंत्र को खत्म करने के इरादे से दिया गया है। यह स्पष्ट है कि गद्दारों का शासन डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान के खिलाफ है। वे लोकतंत्र को खत्म करने के लिए संविधान को फिर से लिखना चाहते हैं।"

इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने कहा कि भले ही इस फैसले से लोकतंत्र की आधिकारिक तौर पर हत्या कर दी गई है लेकिन शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट संविधान की रक्षा के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगा।

उन्होंने कहा, "आज के फैसले ने आधिकारिक तौर पर हमारे राज्य में लोकतंत्र और संविधान के सिद्धांतों और स्तंभों की हत्या कर दी है। हम लोकतंत्र को बहाल करने और डॉक्टर बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए देश के संविधान की रक्षा के लिए लड़ेंगे। यह फैसला केवल उद्धव बालासाहेब ठाकरे या फिर शिवसेना के बारे में नहीं था, यह फैसला यह हमारे देश के संविधान और लोकतंत्र के बारे में है।"

टॅग्स :आदित्य ठाकरेशिव सेनामहाराष्ट्रएकनाथ शिंदे
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