नयी दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार बीते साल 11 जुलाई को हुई अन्नाद्रमुक (AIADMK) जनरल काउंसिल की बैठक को वैध मानते हुए ई. पलानीस्वामी को पार्टी का अंतरिम सचिव बनाए रखने के फैसल को बरकरा रखा है। न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय ने 12 जनवरी को मामले पर आदेश सुरक्षित रखा था। शीर्ष न्यायालय ने ओ. पनीरसेल्वम द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया।
अन्नाद्रमुक की 11 जुलाई 2022 को आम परिषद की बैठक में पलानीस्वामी को नेता चुना गया था जबकि उनके विरोधी ओ. पनीरसेल्वम तथा कुछ सहायकों को निष्कासित कर दिया गया था। सेलम के प्रभावशाली नेता पलानीस्वामी के समर्थकों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया।
अन्नाद्रमुक के मुख्यालय एमजीआर मालीगई में पुलिस बल की मौजूदगी के बीच पलानीस्वामी के समर्थकों ने पटाखे जलाए और पार्टी के अंतरिम महासचिव की तस्वीर पर दूध चढ़ाया। अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डी जयकुमार ने महाभारत के संदर्भ में कहा कि ‘पांडवों’ और ‘कौरवों’ के बीच लड़ाई में पांडवों की जीत हुई।
डी जयकुमार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ऐतिहासिक भी बताया। पनीरसेल्वम के राजनीतिक भविष्य के बारे में पूछे जाने पर जयकुमार ने ‘शून्य’ का इशारा किया।
11 जुलाई 2022 में AIADMK जनरल काउंसिल की बैठक हुई थी। बैठक में ई. पलानीस्वामी को पार्टी का अंतरिम महासचिव नियुक्त किया था। इस दौरान कॉर्डिनेटर और को-ऑर्डिनेटर पदों को रद्द कर दिया गया था। कॉर्डिनेटर का पद ओ पन्नीरसेल्वम (OPS) के पास था।