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कानपुर में सिख विरोधी दंगों की जांच के लिये गठित एसआईटी को मिला थाने का दर्जा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 1, 2020 14:49 IST

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एसआईटी को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2(ध) के तहत पुलिस थाना घोषित किए जाने से 1984 में कानपुर में हुए दंगों से सम्बन्धित मुकदमों की जांच में तेजी आयेगी और पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिलेगा।

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ठळक मुद्देमंत्रिमण्डल ने बढ़ती महंगाई और जीवन स्तर में आये व्यापक बदलाव के मद्देनजर दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों के दाह संस्कार के लिये उनके पात्र आश्रित को दी जा रही।स्वतंत्रता सेनानियों के दाह संस्कार के लिये उनके पात्र आश्रित को दी जा रही अनुदान राशि 5,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।

उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगों के तहत कानपुर में हुए फसाद के मामले में दर्ज मुकदमों की जांच के लिये इस साल फरवरी में गठित विशेष अनुसंधान दल (एसआईटी) को पुलिस थाना घोषित करने सम्बन्धी प्रस्ताव को मंगलवार को हरी झंडी दे दी।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। एसआईटी को दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 2(ध) के तहत पुलिस थाना घोषित किए जाने से 1984 में कानपुर में हुए दंगों से सम्बन्धित मुकदमों की जांच में तेजी आयेगी और पीड़ित पक्ष को इंसाफ मिलेगा।

उन्होंने बताया कि कानपुर में हुए सिख विरोधी दंगों के बारे में उच्चतम न्यायालय में दायर की गयी याचिकाओं के सिलसिले में पांच फरवरी 2019 को एसआईटी का गठन किया गया था। दल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बालेन्दु भूषण सिंह ने इसी साल सितम्बर में एसआईटी में नियुक्त निरीक्षकों को प्रभारी निरीक्षक या थानाध्यक्ष के समकक्ष जांच करने के लिए वैधानिक अधिकार देने का सरकार से अनुरोध किया था।

मंत्रिमण्डल ने एक अन्य फैसले में कर्मचारी राज्य बीमा योजना, श्रम चिकित्सा सेवा में कार्यरत एलोपैथिक चिकित्साधिकारियों को चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा चिकित्सा शिक्षा विभाग के डॉक्टरों की तरह प्राइवेट प्रैक्टिस बन्दी भत्ता (एनपीए) दर को पुनरीक्षित किए जाने का निर्णय लिया है। प्राइवेट प्रैक्टिस बन्दी भत्ता मूल वेतन का 20 प्रतिशत इस शर्त के साथ मंजूर किया गया है कि मूल वेतन तथा प्राइवेट प्रैक्टिस बन्दी भत्ते का योग 2,37,502 रुपए प्रतिमाह से ज्यादा न हो।

मंत्रिमण्डल ने बढ़ती महंगाई और जीवन स्तर में आये व्यापक बदलाव के मद्देनजर दिवंगत स्वतंत्रता सेनानियों के दाह संस्कार के लिये उनके पात्र आश्रित को दी जा रही अनुदान राशि 5,000 रुपये से बढ़ाकर 12,000 रुपये करने का निर्णय लिया है। यह वृद्धि तत्काल प्रभाव से लागू होगी।

इसके अलावा मंत्रिमण्डल ने प्रयागराज और मथुरा-वृन्दावन नगर निगमों और प्रतापगढ़ जिले की बेल्हा नगर पालिका परिषद क्षेत्र का विस्तार करने, कौशाम्बी जिले की नगर पंचायत मंझनपुर का सीमा विस्तार कर तृतीय श्रेणी की नगर पालिका परिषद बनाने, जनपद कुशीनगर की सेवरही नगर पंचायत, सहारनपुर की रामपुर मनिहारन नगर पंचायत, मथुरा की गोवद्र्धन और राधाकुंड नगर पंचायत समेत 14 नगर पंचायतों का सीमा विस्तार करने तथा प्रदेश के विभिन्न जिले के 19 गांवों/क्षेत्रों को नगर पंचायत बनाने का निर्णय भी लिया है।

टॅग्स :1984 सिख विरोधी दंगेउत्तर प्रदेश
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