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प्रधानमंत्री को शीर्ष नेता बताने के दो दिन बाद ही बदले राउत के सुर, बोले- भाजपा करती थी शिवसेना के साथ गुलामों जैसा व्यवहार

By अभिषेक पारीक | Updated: June 13, 2021 18:29 IST

राउत ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में जब उनकी पार्टी भाजपा के साथ सत्ता में थी, तब शिवसेना के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता था और उसे राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की गई थी।

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ठळक मुद्देराउत ने आरोप लगाया है कि शिवसेना के साथ भाजपा गुलामों जैसा व्यवहार करती थी। राउत ने दो दिन पहले ही पीएम मोदी को देश और भाजपा का शीर्ष नेता बताया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं से राउत ने कहा कि पिछली सरकार में हमें दोयम दर्जा दिया गया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की मुलाकात के बाद से बयानबाजी का दौर थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। संजय राउत ने हाल ही में पीएम मोदी को देश और भाजपा का शीर्ष नेता बताया था। हालांकि अब उनके सुर बिलकुल बदल गए हैं। राउत ने आरोप लगाया है कि महाराष्ट्र में जब उनकी पार्टी भाजपा के साथ सत्ता में थी, तब शिवसेना के साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया जाता था और उसे राजनीतिक रूप से खत्म करने की कोशिश की गई थी। 2014 से 2019 के दौरान शिवसेना और भाजपा की सरकार सत्ता में थी। राउत उसी दौर को याद कर रहे थे। 

जलगांव में शिवसेना के कार्यकर्ताओं के बीच राउत ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में शिवसेना का दोयम दर्जा था और उसे गुलाम समझा जाता था। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना के कारण मिली ताकत का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारी पार्टी को समाप्त करने की कोशिश की गई। 

शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहिए था-राउत

राउत ने कहा कि मेरा हमेशा से ही मानना रहा है कि महाराष्ट्र में शिवसेना का ही मुख्यमंत्री होना चाहिए। उन्होंने कहा कि भले ही शिव सैनिकों को कुछ नहीं मिला, लेकिन हम गर्व से कह सकते हैं कि राज्य का नेतृत्व शिवसेना के हाथ में है। महा विकास आघाडी सरकार का गठन इसी भावना के साथ हुआ था। 

80 घंटे की सरकार को भी किया याद

विधानसभा चुनाव के बाद हुए घटनाक्रम को याद करते हुए राउत ने कहा कि वरिष्ठ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता अजित पवार, जिन्होंने देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा के साथ सरकार बनाने के लिए कुछ समय के लिए पाला बदला था, वे अब हमारे गठबंधन के सबसे मजबूत प्रवक्ता हैं। बता दें कि अजित पवार के साथ महाराष्ट्र में बनी फडणवीस सरकार सिर्फ 80 घंटे तक चली थी। 

2019 में टूट गया था गठबंधन

मुख्यमंत्री पद के मुद्दे के कारण शिवसेना और भाजपा गठबंधन 2019 में टूट गया था। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगियों में से शिवसेना एक थी। बाद में शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। 

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