Republic Day 2024 Parade Live: देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। देश के सशस्त्र बलों में लैंगिक समावेशिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति दिखाते हुए महिला अधिकारियों ने भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में कर्तव्य पथ पर मार्च किया। इतिहास में पहली बार दिल्ली पुलिस की सभी महिला टुकड़ी ने गणतंत्र दिवस पर कर्तव्य पथ पर मार्च किया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त श्वेता के सुगथन ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की सभी महिला टुकड़ी का नेतृत्व किया। सुगाथन ने 2023 में भी पुरुष मार्चिंग टुकड़ियों का नेतृत्व किया था, जब पहली बार एक महिला अधिकारी ने पुरुष सैनिकों का नेतृत्व किया था।
गणतंत्र दिवस परेड में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से लेकर सरपंचों तक 13,000 विशिष्ट मेहमान हुए शामिल
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से लेकर सरपंचों तक और उद्यमियों से लेकर विक्रेताओं तक करीब 13,000 विशिष्ट अतिथियों ने शुक्रवार को यहां कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। ‘सच्चे वीआईपी’ कहे जाने वाले इन विशेष आमंत्रित मेहमानों में विभिन्न क्षेत्रों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों के साथ सरकार की विभिन्न योजनाओं का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने वाले लोग शामिल रहे।
इनमें प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण और शहरी), पीएम उज्ज्वला योजना, पीएम पथ विक्रेता की आत्मनिर्भरता निधि (पीएम स्वनिधि), पीएम कृषि सिंचाई योजना, पीएम फसल बीमा योजना, पीएम विश्वकर्मा योजना और राष्ट्रीय गोकुल मिशन आदि शामिल हैं।
‘जीवंत गांवों' के सरपंच, स्वच्छ भारत अभियान, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र और सेंट्रल विस्टा परियोजना की महिला कर्मी, इसरो की महिला वैज्ञानिक, योग शिक्षक (आयुष्मान भारत), अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के विजेता और पैरालंपिक पदक विजेता भी आमंत्रित लोगों में शामिल रहे।
झांकियों में अपनी संपत्तियों और भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रदर्शन
देश के 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सशस्त्र बलों की तीनों शाखाओं ने ‘नारी शक्ति’ और ‘आत्मनिर्भरता’ की विषय वस्तु पर आधारित अपनी झांकियों में अपनी संपत्तियों और भारत की बढ़ती सैन्य ताकत का प्रभावशाली प्रदर्शन किया। भारतीय नौसेना की झांकी में जहाज निर्माण में भारत की बढ़ती शक्ति को उजागर करते हुए स्वदेशी रूप से निर्मित विमान वाहक आईएनएस विक्रांत और अत्यधिक सक्षम एस्कॉर्ट पोत आईएनएस दिल्ली, आईएनएस कोलकाता और आईएनएस शिवालिक, एलसीए, एएलएच और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी को दर्शाया गया।
नौसेना की झांकी की विषयवस्तु 'नारी शक्ति' और 'आत्मनिर्भरता' रही। गणतंत्र दिवस समारोह की एक आधिकारिक पुस्तिका में झांकी के बारे में कहा गया कि नौसेना द्वारा सभी भूमिकाओं और रैंक में महिलाओं का स्वागत करने की हालिया घोषणा वास्तव में प्रगतिशील भारत का प्रतीक है। नौसेना बैंड ने बल की ताकत और युद्ध की तैयारी का प्रतिनिधित्व करते हुए ‘हम तैयार हैं’ की धुन बजाई जिस पर 144 पुरुष एवं महिला अग्निवीर समेत युवा नौसैनिकों की टुकड़ी ने मार्च किया।
भारतीय वायु सेना (आईएएफ) की टुकड़ी में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर के नेतृत्व में 144 वायु सैनिक और चार अधिकारी शामिल हुए। स्क्वाड्रन लीडर सुमिता यादव, प्रतीति अहलूवालिया और फ्लाइट लेफ्टिनेंट कीर्ति रोहिल ने दल कमांडर के पीछे अतिरिक्त अधिकारियों के रूप में मार्च पास्ट किया। वायु सेना की झांकी ‘भारतीय वायु सेना: सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ विषय वस्तु पर आधारित रही। वायु सेना बैंड में तीन ड्रम प्रमुख और 72 संगीतकार शामिल हुए। उन्होंने ‘साउंड बैरियर क्विक मार्च’ बजाया।
झांकी के अग्रभाग में सी-295 परिवहन विमान को प्रतीकात्मक रूप से दर्शाया गया जिसके कॉकपिट में सवार दो महिला वायु सेना कर्मी उसे चलाती दिखीं। झांकी के विवरण में कहा गया कि आईएएफ गरुड़ कमांडो की उपस्थिति हवा के साथ-साथ जमीन पर भी वायु सेना की लड़ाकू क्षमताओं में वृद्धि का प्रतीक है।
झांकी के मध्य भाग में आईएएफ तेजस और एसयू-30 को हिंद महासागर क्षेत्र के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया, जो वायु सेना की जमीन और समुद्र में भी बढ़ती पहुंच को दर्शाता है। झांकी के पिछले हिस्से में भारतीय वायुसेना द्वारा देश ओर विदेश में प्रदान की गई मानवीय सहायता को दर्शाया गया।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों इस भव्य समारोह के मुख्य अतिथि हैं। इस समारोह का मकसद देश की महिला शक्ति और लोकतांत्रिक मूल्यों को पेश करना है। सशस्त्र बलों ने परेड में मिसाइलों, ड्रोन जैमर, निगरानी प्रणाली, वाहन पर लगे मोर्टार और बीएमपी-द्वितीय पैदल सेना के लड़ाकू वाहनों जैसे घरेलू हथियारों और सैन्य उपकरणों की एक श्रृंखला का प्रदर्शन किया।
पहली बार कर्तव्य पथ पर मार्च करते हुए सभी महिलाओं की त्रि-सेवा टुकड़ी आकर्षण का केंद्र बनी। इतिहास में पहली बार, लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा ने कर्तव्य पथ पर परेड में हथियार का पता लगाने वाले 'स्वाति' रडार और पिनाका रॉकेट प्रणाली का नेतृत्व किया। लेफ्टिनेंट दीप्ति राणा और प्रियंका सेवदा पिछले साल आर्टिलरी रेजिमेंट में नियुक्त हुई 10 महिला अधिकारियों में से हैं।
मैकेनाइज्ड कॉलम में टैंक टी-90 भीष्म, नाग (एनएजी) मिसाइल सिस्टम, पैदल सेना का लड़ाकू वाहन, सभी क्षेत्रों में संचालन योग्य वाहन, पिनाका, हथियार का पता लगाने वाली रडार प्रणाली ‘स्वाति’, ड्रोन जैमर प्रणाली, मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली आदि मुख्य आकर्षण रहे।
मैकेनाइज्ड कॉलम का नेतृत्व करने वाली पहली सेना टुकड़ी 61 कैवेलरी (घुड़सवार सेना) थी, जिसका नेतृत्व मेजर यशदीप अहलावत ने किया। वर्ष 1953 में स्थापित 61 घुड़सवार सेना दुनिया की एकमात्र सेवारत सक्रिय घुड़सवार सेना है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय की झांकी में सागरमाला कार्यक्रम के जरिए बंदरगाह नीत विकास और समुद्री क्षेत्र में ‘नारी शक्ति’ को मजबूत करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया गया।
मंत्रालय के इस महात्वाकांक्षी कार्यक्रम ने ‘टर्न-अराउंड’ समय को कम करने में मदद की है जिससे बंदरगाहों पर कार्गो प्रबंधन दक्षता बढ़ी है। जहाजों को बंदरगाहों के निकट पहुंचने और उसके बाद सामान उतारने तक लगने वाले समय को ‘टर्न-अराउंड’ समय कहा जाता है। झांकी में महिलाओं को अवसर प्रदान करने की मंत्रालय की प्रतिबद्धता को दर्शाया गया।
पिछले नौ वर्षों में महिला नाविकों की संख्या में 1,100 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह समुद्री अर्थव्यवस्था को चलाने वाली ‘नारी शक्ति’ को प्रदर्शित करती है, जो मंत्रालय की ‘सागर-सम्मान’ पहल का आधार है। झांकी के मध्य भाग में सागरमाला कार्यक्रम के तहत बंदरगाह आधुनिकीकरण पहल के माध्यम से बंदरगाह दक्षता और क्षमता वृद्धि की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया गया।
इससे प्रमुख बंदरगाहों पर क्षमता 800 एमटीपीए से दोगुनी होकर 1,617 एमटीपीए हो गई है। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शुक्रवार को ‘वीरगाथा’ के तीसरे संस्करण के ‘सुपर 100’ विजेता विशेष अतिथियों में शामिल थे। ‘वीरगाथा’ का तीसरा संस्करण पिछले साल 13 जुलाई से 30 सितंबर के बीच आयोजित किया गया था।
देश भर के 2.42 लाख स्कूलों के रिकॉर्ड 1.36 करोड़ छात्रों ने निबंध, कविताओं, चित्रों और मल्टीमीडिया प्रस्तुतियों के माध्यम से अपनी प्रेरणादायक कहानियां साझा की थीं। ‘प्रोजेक्ट वीरगाथा’ को 2021 में वीरता पुरस्कार पोर्टल (जीएपी) के तहत शुरू किया गया था ताकि छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ाने और उनमें नागरिक मूल्यों को स्थापित करने के लिए वीरता पुरस्कार विजेताओं की बहादुरी के कारनामों और उनके जीवन के बारे में विवरण प्रसारित किया जा सके। गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में शुक्रवार को विदेश मंत्रालय की कई उपलब्धियों को दर्शाया गया।
जिनमें जी20 शिखर सम्मेलन की सफल मेजबानी और इस शक्तिशाली समूह की अध्यक्षता के दौरान भारत की कामयाबियां प्रमुख रूप से शामिल रहीं। विदेश मंत्रालय की झांकी में वैश्विक मुद्दों का महत्वाकांक्षी, निर्णायक, समावेशी और कार्रवाई उन्मुख तरीके से समाधान करने की दिशा में भारत के नेतृत्व को दर्शाया गया।
इसमें पिछले वर्ष भारत की जी20 अध्यक्षता के सफल समापन और उसकी उपलब्धियों को भी दर्शाया गया है। झांकी के सामने वाले हिस्से में नालंदा महाविहार को दर्शाया गया, जिसके ऊपर G20 का लोगो लगा हुआ था। अफ़्रीकी संघ को जी20 का पूर्ण सदस्य बनाने को लेकर भारत की अध्यक्षता में लिए गए निर्णय को ‘‘नमस्ते’’ मुद्रा में हाथ जोड़कर दर्शाया गया।
एक हाथ में भारतीय ध्वज और दूसरे में अफ्रीकी संघ का झंडा दिखाया गया। झांकी में विश्व में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास को भी दर्शाया गया। झांकी के किनारों पर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और मोटे अनाज के साथ हरित विकास में भारत की सफलता को भी दर्शाया गया।
इसमें भारत मंडपम का भी प्रदर्शन किया गया जहां भारत की अध्यक्षता में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ था और ‘नयी दिल्ली बयान’ को सर्वसम्मति से अनुमोदित किया गया था। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और भारतीय तटरक्षक के बैंड और टुकड़ी ने 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में कर्तव्य पथ पर परेड में भाग लिया।
एसएसबी की टुकड़ी जहां ‘जोश भरा है सीने में, है हथेलियों पे जान’ की धुन पर मार्च में भाग ले रही थी तो तटरक्षक के जवानों ने ‘सुरक्षा’ की धुन के साथ इसमें भाग लिया। एसएसबी की टुकड़ी की कमान उप कमांडेंट नैन्सी सिंगला संभाल रही थीं जिसमें तीन उप निरीक्षक और 144 अन्य कर्मी शामिल थे।
एसएसबी की स्थापना 1963 में 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद बने हालात के बाद ‘विशेष सेवा ब्यूरो’ के रूप में की गई थी। इसका उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्र में लोगों के आत्मविश्वस को मजबूत करना था। वर्ष 2001 में करगिल युद्ध के बाद इस बल को भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और 2004 में इसे भारत-भूटान सीमा की पहरेदारी का जिम्मा भी दिया गया। इसी साल बल को सशस्त्र सीमा बल नाम दिया गया। भारतीय तटरक्षक की टुकड़ी का नेतृत्व सहायक कमांडेंट चुनौती शर्मा ने किया। उनके साथ सहायक कमांडेंट प्रिया दहिया, हार्दिक और पल्लवी भी रहीं।