अयोध्या: अयोध्या में श्री रामलला की भव्य 'प्राण प्रतिष्ठा' से पहले राजस्थान के जोधपुर से एक भक्त 'राम नगरी' अयोध्या में 'रामनामी' पगड़ी लेकर आए हैं। रामलला समारोह के प्रति अपनी आस्था और भक्ति व्यक्त करने के लिए देश के कोने-कोने से अयोध्या पहुंच रहे लोग अपनी यथाशक्ति से नकद या अन्य दूसरे प्रकार से समारोह में योगदान दे रहे हैं। इसी क्रम में जोधपुर से अयोध्या पहुंची है 'रामनामी पगड़ियां', जिन पर 'जय श्री राम' लिखा हुआ है।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए जोधपुर से इस पगड़ियों को लाने वाले आचार्य संदीपन महाराज ने कहा, "मैं अयोध्या में आकर असीम खुशी और गर्व से भर गया हूं। मुझे 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह का निमंत्रण मिला था। ऐसा लगा जैसे भगवान ने स्वयं चाहा हो कि मैं 'प्राण प्रतिष्ठा' के लिए यहां आऊं। मैंने जो पगड़ी पहनी है, वह जोधपुरी है और यह पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इसलिए मैं सभी 'राम भक्तों' के लिए रामनामी पगड़ी लेकर आया हूं।"
आचार्य संदीपन महाराज ने आगे कहा, "ये पगड़ियां 'प्राण प्रतिष्ठा' के दिन राम भक्तों के बीच बांटी जाएंगी। भव्य मंदिर के उद्घाटन दिवस पर हर किसी की जुबान पर भगवान राम का नाम रहेगा। इसलिए मैं चाहता हूं कि रामलला का नाम केवल जुबान पर नहीं बल्कि सही के मस्तक पर हो। इसलिए सभी भक्तों के बीच इन पगड़ियों को बांटा जाएगा।"
इससे पहले शनिवार को छत्तीसगढ़ के श्रद्धालु छत्तीसगढ़ के चंपा जिले के शिवरीनारायण से 'मीठे बेर' लाए थे। राम जन्मभूमि ट्रस्ट को यह बेर सौंपने के लिए 17 भक्तों का एक समूह अयोध्या पहुंचा। मान्यता है कि शिवरीनारायण भगवान राम का ननिहाल था। वनवास के दौरान जब भगवान राम और लक्ष्मण वनवास में थे, तो शबरी नाम की वृद्ध महिला भक्त ने प्रभु श्रीराम को अपने जूठे 'मीठे बेर' खिलाए थे।
मालूम हो कि 22 जनवरी को 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह से पहले अयोध्या में भारी उत्साह का माहौल है। इस बीच बीते गुरुवार को रामलला की मूर्ति को 'जय श्री राम' के उद्घोष के साथ राम मंदिर के 'गर्भ गृह' में रखा गया। वहीं शुक्रवार को बिना कवर वाली रामलला की मूर्ति की तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गई। जिसे लेकर मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों के बीच भारी गहमागहमी चल रही है।
बताया जा रहा है कि अब मंदिर ट्रस्ट मंदिर निर्माण परियोजना से जुड़े दोषी कर्मियों का पता लगाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से तीन दिन पहले शुक्रवार को रामलला की मूर्ति की तस्वीर, जिसमें उनकी आंखें खुली थीं।
मूर्ति की तस्वीर सार्वजनिक होने के बाद श्री राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने बहुत ज्यादा नाराजगी जताई थी। उसके बाद से उम्मीद की जा रही थी कि मंदिर ट्रस्ट इस मामले में कोई सख्त कदम जरूर उठायेगा।