दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार तड़के अमेरिका और मिस्र की 6 दिवसीय राजकीय यात्रा के बाद स्वदेश वापसी की और उसके फौरन बाद मणिपुर हिंसा को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक करके राज्य के ताजा हालात की जानकारी ली। खबरों के अनुसार पीएम मोदी की ओर से बुलाई गई इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी समेत केंद्र के तमाम वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बैठक में शामिल हुए अमित शाह समेत तमाम मंत्रियों और अधिकारियों ने पीएम मोदी को राज्य की मौजूदा स्थिति की सूचना दी एवं प्रधानमंत्री से स्थिति पर काबू पाने के लिए आवश्यक निर्देश लिये। वरिष्ठ मंत्रियों ने पीएम मोदी को बताया कि 3 मई से जारी मणिपुर हिंसा में अब तक 115 लोगों की जान जा चुकी है और राज्य में हिसा की स्थिति अभी भी विस्फोटक बनी हुई है।
मंत्रियों की इस बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सुरक्षा बल, सेना और राज्य पुलिस की ओर से उठाये जा रहे सुरक्षा उपायों के बारे में प्रधानमंत्री को विस्तार से जानकारी दी। प्रधानमंत्री को बताया गया कि राज्य सरकार को हालात से निपटने के लिए केंद्र की ओर से अतिरिक्त सुरक्षा बल की सहायता दी गई है। इसके साथ ही गृहमंत्री शाह ने बीते रविवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के साथ हुई अपनी मुलाकात के बारे में भी प्रधानमंत्री को बताया।
खबरों के अनुसार बैठक में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी को निर्देश दिये गये कि राज्य में रसोई गैस और ईंधन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में कोई बाधा न पैदा हो। इसके अलावा ईंधन के अलावा अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सेना की निगरानी में कराने के निर्देश दिये गये ताकि उनके वितरण में कोई भ्रष्टाचार और जमाखोरी न हो सके।
इसके अलावा प्रधानमंत्री की बैठक में भाजपा द्वारा सूबे के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई जैसा की गृहमंत्री अमित शाह के साथ हुई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड और अन्य सहित कई विपक्षी दलों ने मांग उठाई थी। खबरों के अनुसार मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को सत्ता से हटाये जाने की मांग भाजपा के कुछ वर्गों के बीच भी उठी थी लेकिन फिलहाल पार्टी का शीर्ष नेतृत्व इस मांग पर कोई विचार नहीं कर रहा है।
मालूम हो कि मणिपुर में बीते 3 मई से कुकी और मैतेई समुदाय के बीच राज्य के आरक्षण में कोर्ट के दिये आदेश के कारण हिंसा हो रही है। राज्य के चुराचांदपुर शहर में शुरू हुई इस हिंसा में अब तक 115 लोगों की जान गई है और लगभग 300 घायल हो गए हैं। इतना ही नहीं हिंसा के कारण हजारों लोग विस्थापित होकर राहत कैंपों में रह रहे हैं।
हालात को सभालने के लिए सूबे के प्राशासनिक अधिकारियों ने राज्य में कर्फ्यू लगा दिया और इंटरनेट को निलंबित कर दिया लेकिन बावजूद इन उपायों के हिंसा शांत होने का नाम नहीं ले रही है। राज्य में हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भी मदद ली जा रही है। मणिपुर समेत हिंसाग्रस्त इलाकों में पुलिस, सेना और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा लगातार गश्त, फ्लैग मार्च और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।