नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 साल पूरा होने का उल्लेख किया और कहा कि इस संगठन की राष्ट्रसेवा की यात्रा पर देश गर्व करता है। उन्होंने यह भी कहा कि आरएसएस दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है और यह प्रेरणा देता रहेगा। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज से 100 साल पहले एक संगठन का जन्म हुआ, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ... । 100 साल की राष्ट्र की सेवा एक बहुत ही गौरवपूर्ण कार्य है। व्यक्ति निर्माण से लेकर राष्ट्र निर्माण का लक्ष्य लेकर मां भारती के कल्याण के लिए लाखों स्वयंसेवकों ने अपना जीवन समर्पित किया।’’ उनका कहना था, ‘‘यह एक प्रकार से दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ है। 100 साल का समर्पण का इतिहास है।’’
मोदी ने कहा, ‘‘आज लाल किले की प्राचीर से 100 साल की इस राष्ट्रसेवा की यात्रा में योगदान करने वाले सभी स्वयंसेवकों को आदरपूर्वक स्मरण करता हूं।’’ उन्होंने कहा कि आरएसएस की 100 साल की भव्य, समर्पित यात्रा पर देश गर्व करता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता राजेश लोया ने शुक्रवार को नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में देश के 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
शहर के महाल क्षेत्र में आयोजित इस कार्यक्रम में आरएसएस के कुछ कार्यकर्ता और प्रचारक भी मौजूद थे। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत शहर में नहीं हैं। लोया संगठन के नागपुर महानगर संघचालक हैं। कार्यक्रम में अपने संबोधन में लोया ने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले लोगों के योगदान को याद किया।
भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद जब भी किसी ने देश पर बुरी नजर डाली, उन्होंने उसका मुंहतोड़ जवाब दिया। लोया ने कहा कि दुनिया हैरान है कि भारत ने अपने संसाधनों का इस्तेमाल कर दुश्मनों को हराया। उन्होंने कहा कि यह इसलिए संभव हो पाया क्योंकि हाल के वर्षों में हमारा स्वाभिमान जागृत हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम आत्मनिर्भर बन रहे हैं और अपने ‘स्व’ को जगा रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि यह जागृति भाषा से शुरू होती है। उन्होंने कहा, ‘‘यह हमारी अपनी, हमारी स्थानीय बोली, हमारी ‘मातृभाषा’ होनी चाहिए। यह हिंदी होनी चाहिए, जो व्यापक रूप से बोली जाती है। हमें विदेशी भाषाओं से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका उपयोग सामान्य संवाद तक सीमित रहना चाहिए।’’
लोया ने कहा कि इसी तरह, जिस राज्य में हम रहते हैं, उसकी भाषा का सम्मान और उसे सीखना चाहिए, क्योंकि भाषा हमें एकजुट करती है। संघ पदाधिकारियों ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आरएसएस ने रेशीमबाग स्थित डॉ. हेडगेवार स्मारक समिति में एक कार्यक्रम आयोजित किया है, जिसमें विंग कमांडर (सेवानिवृत्त) डॉ. तुषार झांजडे मुख्य अतिथि होंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दिवाली तक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में अगली पीढ़ी के सुधार किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इससे आम आदमी को 'काफी' कर राहत मिलेगी और छोटे एवं मध्यम उद्यमों को लाभ होगा। मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के आठ वर्ष पूरे होने के साथ ही जीएसटी में सुधार करने का समय आ गया है।
जीएसटी एक जुलाई, 2017 को लागू हुआ था। लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में मोदी ने कहा, ''हमने राज्यों के साथ चर्चा की है और हम दिवाली तक अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधार लागू करेंगे, जो नागरिकों के लिए दिवाली का तोहफा होगा। आम आदमी की जरूरत की वस्तुओं पर कर में काफी कमी की जाएगी।
हमारे एमएसएमई को इसका बहुत फायदा होगा। दैनिक उपयोग की वस्तुएं सस्ती हो जाएंगी, जिससे हमारी अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी।'' राज्यों के वित्त मंत्रियों वाला एक मंत्रिसमूह (जीओएम) पहले ही जीएसटी दरों को युक्तिसंगत बनाने और स्लैब में कटौती पर चर्चा कर रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि महिलाओं के स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ‘‘कमाल कर रहे हैं’’ और वे हाशिए से निकलकर अब उद्यमिता और निर्यात की अग्रणी ताकत बन गए हैं। स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि इनके उत्पाद अब अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंच रहे हैं और एसएचजी ‘‘करोड़ों रुपये’’ का कारोबार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘किसी ने महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन पिछले 10 वर्षों में उन्होंने कमाल कर दिखाया है।’’ प्रधानमंत्री ने स्थानीय प्रतिभा के लिए अवसर पैदा करने और बाधाओं को दूर करने की बात भी कही। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने एक बार मन की बात में खिलौनों के बारे में कहा था... मैंने कहा था कि खिलौने भी विदेश से क्यों आएं? और आज, मैं गर्व से कहता हूं कि मेरा देश खिलौनों का निर्यात करने लगा है।’