नयी दिल्ली, 24 मई दिल्ली उच्च न्यायालय के समक्ष एक याचिका में यह मुद्दा उठाया गया है कि क्या गैर स्तनपायी स्रोतों खास तौर पर पौधों से तैयार किए गए उत्पादों को दूध या दुग्ध उत्पाद कहा जा सकता है। इस पर सोमवार को अदालत ने केंद्र, दिल्ली सरकार और भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने केंद्र, दिल्ली सरकार और खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) और सोया दूध जैसे उत्पादों को बेचने वाली हर्शी जैसी अन्य कंपनियों को भी नोटिस जारी कर उनसे भारतीय राष्ट्रीय सहकारी डेयरी संघ (एनसीडीएफआई) की याचिका पर जवाब मांगा है।
सहकारी डेयरी क्षेत्र की शीर्ष इकाई एनसीडीएफआई ने अपनी याचिका में कहा है कि सोया, बादाम या अन्य चीजों से निकाले गए उत्पादों या पेय पदार्थों को ‘दूध’ या ‘दुग्ध उत्पाद’ कहकर पनीर, दही की तरह नहीं बेचा जा सकता है। अदालत ने कहा कि यह मामला दिलचस्प है और इसे सुनवाई के लिए 14 सितंबर को सूचीबद्ध किया है।
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