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निचली अदालतों में प्रत्यक्ष सुनवाई के खिलाफ याचिका पर उच्चतम न्यायालय में बुधवार को होगी सुनवाई

By भाषा | Updated: January 19, 2021 20:41 IST

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नयी दिल्ली, 19 जनवरी उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि वह वकीलों की एक याचिका पर बुधवार को सुनवाई करेगा जिसमें दिल्ली उच्च न्यायालय के एक हालिया परिपत्र को चुनौती दी गयी है। ‘‘राष्ट्रीय राजधानी में कोविड-19 महामारी का प्रसार घटने के मद्देनजर’’ दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपनी कुछ अदालतों में प्रत्यक्ष सुनवाई की अनुमति दे दी है वहीं निचली अदालतों में एक दिन छोड़कर इसकी इजाजत दी गयी है।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव तथा न्यायमूर्ति विनीत सरन की पीठ ने कहा कि वह समस्या की गंभीरता को समझ रही है लेकिन याचिकाकर्ताओं को पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख करना होगा।

पीठ ने कहा, ‘‘हम समस्या की गंभीरता देख रहे हैं लेकिन हम चाहेंगे कि आप सबसे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय जाइए। अगर आपको वहां राहत नहीं मिलती है तो फिर यहां आइए। आम तौर पर हम उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के प्रशासनिक कामकाज में दखल नहीं देते हैं।’’

याचिकाकर्ता वकीलों कार्तिक नायर और अन्य की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने कहा, ‘‘हमें जीवन के अधिकार और न्याय प्रदान करने के बीच संतुलन बनाना होगा। अगर कोई विकल्प नहीं है तो वकीलों को अदालत आना होगा।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम आपसे पूरी तरह सहमत हैं।’’

सिब्बल ने कहा कि वे सबसे पहले उच्च न्यायालय का रुख करेंगे लेकिन जब तक उच्च न्यायालय मामले पर सुनवाई करता है प्रत्यक्ष सुनवाई को वैकल्पिक बनाना चाहिए।

पीठ ने कहा कि वह मुद्दे पर बुधवार को सुनवाई जारी रखेगी और देखेगी कि इस पर क्या हो सकता है।

दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालतों में वकालत करने वाले नायर, नैन्सी रॉय, सचित जॉली और अमित भगत द्वारा दाखिल याचिका में कहा गया है कि वे महामारी के कारण रोजाना की सुनवाई में अदालतों में डिजिटल तरीके से कार्यवाही में हिस्सा लेते हैं।

याचिका में कहा गया कि वकीलों के स्वास्थ्य, जीवन और भलाई के लिए चिंताओं पर विचार किए बिना अदालतों के सामने याचिकाकर्ताओं और अन्य वकीलों, वादियों तथा न्यायिक-गैर न्यायिक व्यक्तियों को उपस्थित होने का आदेश देकर दिल्ली उच्च न्यायालय ने एकतरफा फैसला किया।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को कहा था कि उसने 18 जनवरी से प्रत्यक्ष सुनवाई करने वाले न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने का फैसला किया है।

उच्च न्यायालय ने सोमवार से सप्ताह में एक दिन छोड़कर प्रत्यक्ष सुनवाई करने के लिए जिला अदालतों को भी निर्देश जारी किया था।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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