नई दिल्ली: देश में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। इसी बीच खबर है कि भारत सरकार ने तबलीगी जमात से जुड़े 960 विदेशियों के भारत आने पर रोक लगा दी है। नरेंद्र मोदी सरकार ने जमात से जुड़े इन सभी पर 10 साल के लिए प्रतिबंध लगाया है।
तबलीगी जमात से ताल्लुक रखने वाले 2200 विदेशियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। उक्त सभी विदेशियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। इन पर यह कार्रवाई विदेशी कानून 1946 (Foreigners Act 1946) एवं आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 (Disaster Management Act 2005) के प्रावधानों को तोड़ने के आरोप में की गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि पर्यटक वीजा पर तबलीगी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के कारण 960 विदेशियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। पिछले दिनों ही इन सभी का भारतीय वीजा भी रद कर दिया गया था।
पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से दिल्ली पुलिस और अन्य सम्बंधित राज्यों के पुलिस महानिदेशकों को भारत के कानून की धज्जियां उड़ाने वाले इन 2200 विदेशियों के खिलाफ जरूरी कानूनी कार्यवाई करने के भी निर्देश दिए गए थे।
इसके अलावा, एनडीटीवी रिपोर्ट की मानें तो उत्तर पूर्वी दिल्ली के शिव विहार इलाके में राजधानी पब्लिक स्कूल में 24 फरवरी को हुए हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने बुधवार को चार्जशीट पेश की थी। अब जांच में पता चला है कि दिल्ली हिंसा से निजामुद्दिन मरकज का भी कनेक्शन है।
राजधानी स्कूल के मालिक फैजल फारूक और मौलाना साद के फंड मैनेजर के बीच अहम रिश्ते हैं। मौलाना साद का एक रिश्तेदार भी फैजल के संपर्क में था। दंगे के दिन भी साद के करीबी और फैजल के बीच बात हुई थी।
क्राइम ब्रांच को शक है कि मरकज का पैसा फैजल के माध्यम से जायदाद में लगाया गया। फैजल के माध्यम से दंगाइयों में पैसे बांटने की जांच भी जारी है। इसके अलावा, दंगाइयों ने राजधानी पब्लिक स्कूल की छत पर बड़े पैमाने पर तेजाब, ईंटें, पत्थर, पेट्रोल और बम इकट्ठे कर लिए थे। पुलिस को जांच में ये सारे सबूत मिले हैं।