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चार साल मोदी सरकार: स्मृति ईरानी सहित ये पांच मंत्री नहीं दे पाए 'अच्छे दिन', साबित हुए 'फिसड्डी'

By कोमल बड़ोदेकर | Updated: May 28, 2018 00:33 IST

नरेंद्र मोदी सरकार कल यानी शनिवार 26 मई को अपने चार साल पूरे कर लेगी। विकास का नारा बुलंद कर 2014 सत्ता में आई मोदी सरकार क्या वाकई में देश के विकास करने में सफल रही है और क्या वाकई जनता को 'अच्छे दिनों' की सौगात देने के मोदी सरकार के मंत्रियों बेहतर काम किया है अगर इस मामले में कुछ एक मंत्रियों को छोड़ दें तो कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनता को बेहद निराश किया है।

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नई दिल्ली, 25 मई। नरेंद्र मोदी सरकार कल यानी शनिवार 26 मई को अपने चार साल पूरे कर लेगी। विकास का नारा बुलंद कर 2014 सत्ता में आई मोदी सरकार क्या वाकई में देश के विकास करने में सफल रही है और क्या वाकई जनता को 'अच्छे दिनों' की सौगात देने के मोदी सरकार के मंत्रियों बेहतर काम किया है अगर इस मामले में कुछ एक मंत्रियों को छोड़ दें तो कुछ मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनता को बेहद निराश किया है। इन चार सालों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय राज्य मंत्री अल्फोंस कन्नथानम, केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ऐसे पांच मंत्री जिन्होंने न सिर्फ जनता को निराश किया है बल्कि पीएम मोदी के बेहतर मंत्रियों की फेहरिस्त में सबसे फिसड्डी मंत्री साबित हुए हैं। आइए देखते हैं कैसा है इनका रिपोर्ट कार्ड।

1) केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानीमोदी सरकार के सबसे फिसड्डी मंत्रियों की लिस्ट में सबसे पहला नाम केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का है। पीछले चार सालों में ईरानी का नाम विवादों के चलते न सिर्फ सुर्खियों में रहा बल्कि इन विवादों ने मोदी सरकार की जमकर किरकिरी भी की। अपने शुरूआती दिनों में ईरानी के पास मानव संसाधन विकास मंत्रालय का जिम्मा था लेकिन हैदराबाद यूनिवर्सिटी में हुए रोहित वेमुला की 'हत्या' का मामले में विवाद इतना बढ़ गया कि मोदी कैबिनेट ने उनका डिमोशन कर उनसे एचआरडी छीन कपड़ा मंत्री बनाया। इसके बाद ईरानी को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार सौंपा गया लेकिन हाल में हुए कुछ विवादों के चलते उनसे आई एंड बी मिनिस्ट्री से हटा दिया गया। फिलहाल ईरानी के पास कपड़ा मंत्रालय का ही प्रभार है। एक्सपर्ट ने ईरानी को उनके काम के लिए 10 में 3.5 अंक दिए हैं।

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2) केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारतीमोदी सरकार के सबसे फिसड्डी मंत्रियों की फेहरिस्त में दूसरा बड़ा नाम केंद्रीय पेयजल और स्वच्छता मंत्री उमा भारती का है। अपनी जिम्मेदारी को समय पर न निभाने और खराब प्रदर्शन के चलते एक्सपर्ट ने उभा भारती को 10 में से महज 3.2 नंबर ही दिए हैं। शुरूआत में उभा के पास गंगा की सफाई के लिए गंगा मंत्रालय का जिम्मा था लेकिन समय पर कोई विजन और कोई योजना पेश न करने के चलते उनके मंत्रालय को सुप्रीम कोर्ट से फटकार भी लग चुकी है। इसके बाद हुई मोदी कैबिनेट में उनसे गंगा मंत्रालय का जिम्मा वापस ले लिया गया। फिलहाल उमा भारती बतौर केंद्रीय मंत्री पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय का जिम्मा संभाल रहीं हैं।

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3) केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कन्नथानममोदी सरकार के सबसे फिसड्डी मंत्रियों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कन्नथनम का नाम है। केरल की पृष्ठभूमि से आने वाले अल्फोंस कन्नथानम को एक्सपर्ट ने 10 में 3.9 नंबर दिए हैं। इस पहले अल्फोंस कन्ननथनम के पास इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय था लेकिन मोदी सरकार की उम्मीद पर खरा न उतरने के चलते हाल ही में हुए मोदी कैबिनट के फेरबदल में उनसे इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय छीन लिया गया। कई बार अल्फांसो बीफ के मुद्दे पर विवादों से भी घिर चुके हैं। फिलहाल अल्फोंस केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री है।

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4) केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्य मंत्री संतोष गंगवारश्रम और रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार न तो मोदी सरकार की उम्मीदों पर खरा उतर पाए हैं और न ही जनता की। साल 2014 में विकास, महंगाई, भ्रष्टाचार सहित कई अहम मुद्दों में रोजगार भी एक बड़ा मुद्दा था लेकिन बीते चार सालों में लोगों को बेहतर रोजगार मुहैया न करा पाने के चलते जनता में मोदी सरकार के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है। फिसड्डी मंत्रियों की लिस्ट में चौथे नंबर पर केंद्रीय श्रम और रोजगार राज्यमंत्री संतोष गंगवार को बेहतर काम न करने के चलते एक्सपर्ट ने 10 में से 4 नंबर दिए हैं। 

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5) केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधानइन दिनों पेट्रोल-डीजल के दामों में लगी आग से जनता में काफी गुस्सा है। सातवें आसमान पर जा पहुंचे पेट्रोल डीजल के रिकॉर्ड महंगे दामों के चलते केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान इन दिनों सुर्खियों में हैं और पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों का ही नतीजा है कि उनकी सरकार की जमकर किरकिरी हो रही है। एक्सपर्ट ने प्रधान को 10 में 4.5 नंबर दिए हैं।  हांलाकि उन्होंने उज्ज्वला योजना में बेहतर काम किया है। इस योजना के जरिए 5 करोड़ परिवारों को एलपीजी उपलब्ध कराने का लक्ष्य से मोदी सरकार दोबारा सरकार बनाने का रास्ता अख्तियार कर रहे हैं। 

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