देश को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले 5 भगोड़े, इनकी 'घर वापसी' नहीं करा सकी मोदी सरकार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: May 25, 2018 08:23 AM2018-05-25T08:23:44+5:302018-05-25T09:24:36+5:30
Modi Government 4 Years Report Card: विदेश मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2018 में लोग सभा में बताया था कि तब तक 31 लोग आर्थिक धोखाधड़ी करने के बाद देश से फरार थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को जिन 15 भगोड़ों को देश वापस लाना चाहते हैं उन्होंने देश को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है।
पिछले लोक सभा चुनाव से पहले प्रचार के दौरान बीजेपी उम्मीदवार के तौर पर नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कहा था कि वो प्रधानमंत्री नहीं चौकीदार के नाते देश की सेवा करना चाहते हैं। नरेंद्र मोदी ने तब कहा था, "आप मुझे प्रधानमंत्री मत बनाइए, आप मुझे चौकीदार बनाइए। और भाइयों-बहनों मैं दिल्ली में जाकर चौकीदार की तरह बैठूंगा। और आपको विश्वास दिलाता हूँ कि आप ऐसा चौकीदार पाओगे कि हिन्दुस्तान की तिजोरी पर कोई पंजा नहीं मार पाएगाी। इस देश के खजाने पर किसी के पंजे पर पड़ने नहीं दूँगा मित्रों, इसलिए मैं चौकीदार के नाते आपकी सेवा करना चाहता हूँ।" (नरेंद्र मोदी के इस भाषण का वीडियो आप खबर के नीचे सुन सकते हैं।) जनता ने उनकी बात पर यकीन कर लिया और भारी बहुमत के साथ दिल्ली भेज दिया। ये अलग बात है कि मोदी सरकार के चार साल में भारत के सरकारी बैंकों का पैसा लेकर विदेश भाग जाना एक तरह से फैशन बन गया। विदेश मंत्रालय के अनुसार अप्रैल 2018 में लोग सभा में बताया था कि तब तक 31 लोग आर्थिक धोखाधड़ी करने के बाद देश से फरार थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई को जिन 15 भगोड़ों को देश वापस लाना चाहते हैं उन्होंने देश को करीब 40 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है। आइए एक नजर डालते हैं उन 5 कुख्यात भगोड़ों पर जो जनता की तिजोरी के "चौकीदार" को चकमा देकर पब्लिक का पैसा लेकर सात समंदर पार भाग लिये।
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1- विजय माल्या
भारत से भागने वालों में सबसे ज्यादा चर्चा विजय माल्या की होती है। शराब और एयरलाइंस के कारोबार से जुड़े माल्या हिरोइनों-मॉडलों के संग नजर आते थे। माल्या जब देश से भागे तो वो राज्य सभा सांसद थे। देश के सर्वोच्च सदन का सांसद होने के बावजूद माल्या नौ हजार करोड़ रुपये लेकर ब्रिटेन भाग गये। करीब 20 बैंकों का पैसा उन पर बाकी है। भारतीय अदालत उन्हें भगोड़ा घोषित कर चुकी हैं। भारतीय एजेंसियों ने ब्रिटिश अदालत में उनके प्रत्यर्पण की अपील की है जिस पर सुनवाई की है। ब्रिटिश अदालत ने माल्या को अब तक भारत भेजने का आदेश नहीं दिया है। हालाँकि ब्रिटिश अदालत ने भारतीय बैंकों का पैसा लेकर भागने की वजह से उनके खातों को जब्त करने को सही माना है।
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2- नीरव मोदी
पंजाब नेशनल बैंक को करीब 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में अभियुक्त नीरव मोदी के खिलाफ ईडी ने आरोपपत्र दायर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार नीरव मोदी, अपनी पत्नी अमी मोदी और भाई नीशाल मोदी के साथ देश छोड़कर भाग चुका है। नीरव मोदी हीरा व्यापारी है। पीएम नरेद्र मोदी के संग दो तस्वीरों में दिखने के कारण मीडिया में बीजेपी पर विपक्ष ने जमकर निशाना साधा था। सीबीआई ने गुरुवार (24 मई) को नीरव मोदी और उसके सहयोगियों के खिलाफ 1200 पन्नों का आरोपपत्र दिल्ली की एक अदालत में दायर किया। सभी आरोपियों पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज है। भारत सरकार ने अभी तक इस बारे में कोई सूचना साझा नहीं की है कि नीरव मोदी किस देश में है।
3- मेहुल चौकसी
नीरव मोदी के मामा मेहुल चौकसी भी पंजाब नेशनल बैंक को 13 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने के मामले में आरोपी है। सीबीआई ने मेहुल चौकसी के खिलाफ अलग से केस फाइल किया है। मेहुल चौकसी भी जनवरी 2018 से ही लापता है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चौकसी भी देश से फरार है। पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था जिसमें वो किसी बैठक में "मेहुल भाई" का नाम लेते नजर आ रहे थे।
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4- चेतन जयंतीलाल संदेसरा और जयंतीलाल संदेसरा- स्टर्लिंग बॉयोटेक लिमिटेड के निदेशक जयंतीलाल संदेसरा और नितिन जयंतीलाल संदेसर पर बैंकों को पाँच हजार करोड़ रुपये से ज्यादा चूना लगाकर विदेश भाग जाने का शक है। दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने मामले की अभियुक्त दीप्ति चेतन संदेसरा और उसके भाई हितेश कुमार नरेंद्र भाई पटेल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया। अभी तक संदेसरा अदालत में हाजिर नहीं हुए हैं। ईडी को शक है कि सभी विदेश भाग चुके हैं। स्टर्लिंग बॉयोटेक ने आंध्र बैंक से 31 दिसंबर 2016 तक 5383 करोड़ रुपये लोन लिया था।
5- जतिन मेहता
विनसम डायमण्ड के मालिक जतिन मेहता सात हजार करोड़ रुपये लेकर देश से फरार हैं। जतिन मेहता नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने से एक साल पहले ही देश से फरार हो गये थे। इसलिए बीजेपी जतिन मेहता के देश से भागने का आरोप कांग्रेसनीत यूपीए पर लगाती है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों भले ही एक दूसरे पर जतिन मेहता की मददगार होने का आरोप लगाते हों इसका नतीजा जनता भुगत रही है। जतिन मेहता अब तक भारतीय अदालतों के सामने हाजिर नहीं हुआ है। वो सेंट किट्स का नागरिक बन चुका है, जो एक टैक्स हैवेन देश माना जाता है। सेंट किट्स के साथ भारत की कोई प्रत्यर्पण संधि भी नहीं है। इसलिए बहुत कम उम्मीद है कि जतिन मेहता भारत लाया जा सकेगा।
भगोड़े जिनकी कम चर्चा होती है-
कई भगोड़े ऐसे जिनकी ज्यादा चर्चा नहीं हुई। मसलन मुंबई की टेक्सटाइल कंपनी एबीसी कॉटस्पिन प्राइवेट लिमिटेड के मालिक आशीष जोबानपुत्र और उनकी पत्नी पर 770 करोड़ रुपये बैंक लोन लेकर भाग जाने का आरोप है। हीरा कारोबारी रितेश जैन पर 1500 करोड़ रुपये लेकर गायब हो जाने का आरोप है। सुरेंद्र सिंह, अंगद सिंह और हरसाहिब सिंह पर धोखाधड़ी और आपराधिक षडयंत्र का आरोप है। सभ्य सेठ पर ओरियंटल बैंक को 390 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। संजय भंडारी पर 150 करोड़ रुपये का टैक्स नहीं चुकाने का आरोप है।
नीलेश पारेख को पिछले साल सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। पारेख पर 2223 करोड़ रुपये बैंक घोटाले का आरोप था। पारेख को दिल्ली पहुंचेत ही गिरफ्तार कर लिया गया। लेकिन बाकी आर्थिक भ्रष्टाचार करके भागने वाले बाकी भगोड़ों के बारे में कुछ ज्यादा नहीं पता है। कुछ जानकारों का मानना है कि भारत सरकार आर्थिक भ्रष्टाचार करके भागने वालों को सजा दिलाने के लिए विशेष कानून बनाने वाली है। सरकार पिछली तारीख से लागू होने वाले नए कानून बनाएगी जिनसे ऐसे भगोड़ों को सजा दिलायी जा सके जो चौकीदार की आँखों में धूल झोंककर भाग गये।
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