लाइव न्यूज़ :

हिंदुओं को अल्पसंख्यक दर्जा: केंद्र के अलग-अलग रुख अपनाने से सुप्रीम कोर्ट नाराज, कहा- हलफनामे से पहले हो जाना चाहिए था विचार विमर्श

By भाषा | Published: May 10, 2022 2:43 PM

केंद्र ने सोमवार को न्यायालय से कहा था कि अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और इस संबंध में कोई भी निर्णय राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।

Open in App
ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये ऐसे मामले हैं, जिनके समाधान की जरूरत है।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भारत संघ यह तय नहीं कर पा रहा कि उसे क्या करना है।कोर्ट ने कहा कि हमारे विचार किए जाने से पहले चीजें सार्वजनिक मंच पर आ जाती हैं।

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि राज्य स्तर पर हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों की पहचान से जुड़े मामले का समाधान किए जाने की जरूरत है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि मामले में अलग-अलग रुख अपनाने से कोई फायदा नहीं होगा।

इससे पहले, केंद्र ने सोमवार को न्यायालय से कहा था कि अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और इस संबंध में कोई भी निर्णय राज्यों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के बाद लिया जाएगा।

जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने मंगलवार को कहा कि ये ऐसे मामले हैं, जिनके समाधान की जरूरत है और हर चीज पर फैसला नहीं सुनाया जा सकता।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह नहीं समझ आ रहा कि भारत संघ यह तय नहीं कर पा रहा कि उसे क्या करना है। ये सब विचार पहले ही दिए जाने थे। इससे अनिश्चितता पैदा होती है और हमारे विचार किए जाने से पहले चीजें सार्वजनिक मंच पर आ जाती हैं। इससे एक और समस्या खड़ी होती है।’’

सुनवाई शुरू होने पर एक कनिष्ठ वकील ने यह कहते हुए मामले की सुनवाई बाद में करने का अनुरोध किया कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता किसी अन्य अदालत में व्यस्त हैं। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सीएस वैद्यनाथन ने केंद्र द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे का जिक्र किया।

इसके बाद पीठ ने टिप्पणी की, ‘‘यदि केंद्र राज्यों से विचार-विमर्श करना चाहता है तो हमें फैसला करना होगा। यह कहना समाधान नहीं हो सकता कि सब कुछ इतना जटिल है, हम ऐसा करेंगे। भारत सरकार यह जवाब नहीं दे सकती। आप निर्णय लीजिए कि आप क्या करना चाहते हैं। यदि आप उनसे विचार-विमर्श करना चाहते हैं तो कीजिए। आपको ऐसा करने से रोक कौन रहा है?’’

न्यायालय ने कहा, ‘‘इन मामलों के समाधान की आवश्यकता है। अलग-अलग रुख अपनाने से कोई फायदा नहीं होगा। यदि विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है तो हलफनामा दाखिल करने से पहले ही यह काम हो जाना चाहिए था। सॉलिसिटर जनरल को आने दीजिए।’’

मामले पर कुछ देर बार दोबारा सुनवाई होगी। शीर्ष अदालत ने पूर्व में केंद्र को उस याचिका का जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया था, जिसमें राज्य स्तर पर अल्पसंख्यकों की पहचान के लिए दिशा-निर्देश तैयार करने के आदेश देने का अनुरोध करते हुए कहा गया था कि 10 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं।

अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा दायर याचिका के जवाब में दाखिल हलफनामे में अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि केंद्र सरकार ने अल्पसंख्यक समुदायों के लिए राष्ट्रीय आयोग अधिनियम-1992 की धारा-2 सी के तहत छह समुदायों को अल्पसंख्यक के रूप में अधिसूचित किया है।

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘रिट याचिका में शामिल प्रश्न के पूरे देश में दूरगामी प्रभाव हैं और इसलिए हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बिना लिया गया कोई भी फैसला देश के लिए एक अनापेक्षित जटिलता पैदा कर सकता है।’’

हलफनामे के मुताबिक, ‘‘अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की शक्ति केंद्र सरकार के पास है, लेकिन याचिकाओं में उठाए गए मुद्दों के संबंध में केंद्र सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले रुख को राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा।’’

मंत्रालय ने कहा कि इससे सुनिश्चित होगा कि केंद्र सरकार इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दे के संबंध में भविष्य में किसी भी अनापेक्षित जटिलताओं को दूर करने के लिए कई सामाजिक, तार्किक और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखते हुए शीर्ष अदालत के समक्ष एक सुविचारित दृष्टिकोण रखने में सक्षम हो पाएगी।

अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने पूर्व में शीर्ष अदालत को बताया था कि राज्य सरकारें संबंधित राज्य के भीतर हिंदुओं सहित किसी भी धार्मिक या भाषाई समुदाय को अल्पसंख्यक घोषित कर सकती हैं।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टमोदी सरकारMinority Welfare and Development DepartmentMinority Ministry
Open in App

संबंधित खबरें

भारतआदित्य ठाकरे को रास नहीं आया रश्मिका मंदाना का 'अटल सेतु' की तारीफ करना, एक्ट्रेस पर कसा तंज

भारतब्लॉग: तकनीक के उपयोग से मुकदमों के शीघ्र निपटारे में मदद मिलेगी

भारतNCBC Punjab and West Bengal: पंजाब-पश्चिम बंगाल में रोजगार आरक्षण कोटा बढ़ाने की सिफारिश, लोकसभा चुनाव के बीच एनसीबीसी ने अन्य पिछड़ा वर्ग दिया तोहफा, जानें असर

भारतसुप्रीम कोर्ट से ईडी को लगा तगड़ा झटका, कोर्ट ने कहा- 'विशेष अदालत के संज्ञान लेने के बाद एजेंसी नहीं कर सकती है गिरफ्तारी'

भारतLok Sabha Elections 2024: "अमित शाह ने केजरीवाल की जमानत पर बयान देकर सुप्रीम कोर्ट की मंशा पर सवाल खड़ा किया है", कपिल सिब्बल ने गृह मंत्री की टिप्पणी पर किया हमला

भारत अधिक खबरें

भारतLok Sabha election 2024 Phase 5: चार चरण में कम वोट से सभी दल परेशान!, 5वें फेस में 20 मई को वोटिंग, छठे चरण को लेकर एनडीए और महागठबंधन ने झोंकी ताकत

भारतLok Sabha Election 2024 5th phase: 355 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज, सबसे ज्यादा दागी सपा और एआईएमआईएम के

भारतट्रेन की लाइव लोकेशन जानने के लिए बेस्ट हैं ये ऐप्स, टाइम टेबल की भी पूरी जानकारी मिलेगी, देखें लिस्ट

भारतस्वाति मालीवाल मारपीट मामले में दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को किया अरेस्ट, जानें 'आप' ने क्या कहा

भारतप्रज्वल रेवन्ना मामले में एचडी देवेगौड़ा ने तोड़ी चुप्पी, कहा- 'और भी लोग' शामिल'