इंफाल: मणिपुर बीते मई से हिंसा की गिरफ्त में है। कूकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक टकराव में अब तक 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। हिंसा के इस माहौल में विभिन्न रिपोर्टों में कहा गया कि विद्रोहियों ने सरकारी शस्त्रागार को लूट लिया और पुलिस के हथियार हिंसक तत्वों के हाथों में चले गये। जिसके कारण मणिपुर में भयानक स्थिति बनी लेकिन अब मणिपुर पुलिस ने एक बयान जारी करके कहा है कि 5 अगस्त को घाटी के जिलों के विभिन्न पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियार और गोला-बारूद लूटने की खबरें पूरी तरह से 'भ्रामक' हैं।
इस संबंध में मणिपुर पुलिस ने ट्विटर पर एक प्रेस नोट जारी करके कहा,"5 अगस्त 2023 को एक रिपोर्ट में कहा गया था कि घाटी के जिलों में विभिन्न पुलिस स्टेशनों और शस्त्रागारों से हथियारों और गोला-बारूद की लूटा गया था लेकिन यह जानकारी पूरी तरह से भ्रामक है"
मणिपुर पुलिस क कहना है कि सुरक्षा बलों से लूटे गए हथियार और गोला-बारूद की बरामदगी के लिए पहाड़ी और घाटी इलाकों में लगातार छापेमारी चल रही हैं और अब तक घाटी के जिलों में 1057 हथियार और 14201 गोला-बारूद एवं पहाड़ी जिलों में 138 हथियार और 121 गोला-बारूद की बरामदगी की गई है।
पुलिस ने कहा, ''3 अगस्त को हुई हिंसा की घटना में सुरक्षा बलों ने उग्रवादियों और शरारती तत्वों से 15 हथियारों को बरामद किया।''
मणिपुर पुलिस ने अपने बयान में आगे कहा, "कल इंफाल-पश्चिम जिले के लिलोंग चाजिंग में तौपोकपी पुलिस चौकी के क्षेत्र में भीड़ द्वारा पुलिस दल से हथियार छीनने का प्रयास किया गया था। हालांकि, पुलिस बल सतर्क था और उन्होंने पीछा करके बदमाशों क गिरफ्तार कर लिया और हथियारों को भी बरामद कर लिया।''
मणिपुर पुलिस के अनुसार 5 अगस्त की शाम न्यू कीथेल्मनबी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत मुंगचमकोम गांव में आतंकियों के साथ 5/9 जीआर और 21 एसएफ की संयुक्त टीम के बीच गोलीबारी हुई। इसके एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया और उसके कब्जे से एक एसएलआर, 01 मैगजीन और 50 राउंड गोली जब्त की गई।
मालूम हो कि मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा राज्य सरकार को बहुसंख्यक मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजातियों की सूची में जोड़े जाने का आदेश दिया, जिसके विरोध में पर कूकी समुदाय ने आंदोलन शुरू किया और उसके कुछ दिनों बाद 3 मई को दोनों पक्षों में हिंसक झड़प शुरू हो गई।
मणिपुर में मौजूदा हिंसक स्थिति पर संसद के मानसून सत्र में हंगामे की स्थिति बनी हुई है। विपक्षी दल संसद में 4 मई के वायरल वीडियो पर चर्चा करने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहे हैं। वायल वीडियो में कथित तौर पर हिंसक भीड़ ने मणिपुर में समुदाय विशेष की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड करायी थी।