नागरिकता संशोधन कानून को लेकर पूरे देश में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। केरल के चार स्थानीय चैनल के पत्रकारों और क्रू मेंबर्स को मंगलौर में रिपोर्टिंग करने से रोका गया और उनसे आईडी मांगी गई थी। लेकिन अब समाचार एजेंसी एएनआई की मानें तो हिरासत में लिए गए केरल के पत्रकारों को आधे घंटे पहले रिहा कर दिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो केरल स्थित तीन न्यूज चैनलों न्यूज 24, मीडिया वन और एशियानेट के पत्रकार और क्रू को कर्नाटक के मंगलौर में रिपोर्टिंग से रोक दिया गया था। मंगलौर में गुरुवार को हिंसा के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी। यह भी बताया जा रहा है कि पुलिस अधिकारी ने रिपोर्टर को रोक दिया जब वह ऑन-एयर था। पुलिस अधिकारी ने इस दौरान रिपोर्टर से पहचान पत्र दिखाने को कहा। इस पर रिपोर्टर ने संस्थान द्वारा दिए गए आईडी कार्ड को दिखाया लेकिन पुलिस अधिकारी ने कहा कि ये सरकार द्वारा जारी किया गया नहीं है।
द न्यूज़ मिनट में छपी खबर के मुताबिक पुलिस ने 15 पत्रकारों को हिरासत में लिया था। पुलिस ने कहा कि यहां पर रिपोर्टिंग की अनुमति नहीं है, ये कहते हुए वहां से मीडियाकर्मियों को हटा दिया गया।
कर्नाटक ने गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने अपने रिपोर्ट्स में कहा कि मंगलौर में पुलिस हिरासत में लिए गए दो केरल पत्रकारों को गिरफ्तार नहीं किया गया है, वे केरल से आए थे, उन्हें वापस भेज दिया गया है। उन्होंने कहा 'बहुत से लोग पड़ोसी राज्य से आए थे और उनकी उपस्थिति के कारण बहुत सारी हिंसा पैदा हुई है। आज स्थिति शांतिपूर्ण है, यह नियंत्रण में है। हम अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से बातचीत कर रहे हैं। कर्नाटक सरकार ने गुरुवार को दक्षिण कन्नड जिले में अगले 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी। यह कदम मंगलुरु शहर में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद उठाया गया। इस बारे में जारी अधिसूचना में कहा गया कि यह फैसला सोशल मीडिया मंचों का दुरुपयोग रोकने और शांति व्यवस्था को भंग होने से बचाने के लिए किया गया है। उल्लेखनीय है कि सीएए के खिलाफ मंगलुरु में हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान कथित तौर पर पुलिस की गोलियों से दो लोगों की मौत हो गई थी।