नई दिल्ली: लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा टेनी को सशर्त जमानत दे दी है। मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध किया था। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब सशर्त जमानत दे दी है।
बता दें कि आशीष मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने अक्टूबर 2021 में लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में प्रदर्शन कर रहे किसानों गाड़ी से रौंद दिया था जिसमें चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी। आशीष मिश्रा टेनी केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में आशीष मिश्रा टेनी की वकालत वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी कर रहे हैं। आशीष मिश्रा पिछले एक साल से जेल में है। सुप्रीम कोर्ट में लखीमपुर खीरी हिंसा में आशीष मिश्रा टेनी की की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान मुकुल रोहतगी ने दलील देते हुए कहा था कि इस मामले में 400 से ज्यादा गवाह हैं। मौजूदा रफ्तार को देखते हुए तो पांच साल तक ट्रायल ही चलेगा। ऐसे में मेरे मुवक्किल का क्या होगा?
हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आशीष मिश्रा टेनी की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सर्वोच्च न्यायालय में दलील दी थी कि यह बहुत ही गंभीर अपराध है। अगर ऐसे मामले में जमानत दी गई तो समाज में गलत संदेश जाएगा।
आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करने वाले लोगों की तरफ से सर्वोच्च न्यायालय में वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ये केस लड़ रहे हैं। जमानत याचिका का विरोध करते हुए दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि आरोपी एक प्रभावशाली व्यक्ति का बेटा है और लखीमपुर में हुई घटना एक साजिश और सुनियोजित तरीके से की गई हत्या थी। दुष्यंत दवे ने ये भी कहा था कि आरोपी को जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा।