पुणे, चार अक्टूबर महाराष्ट्र के सतारा जिले के किसान दयाराम थेंगिल (36) आधा दर्जन से अधिक बछड़ों को लेकर बेहद उत्साहित हैं जिन्हें उनकी फार्म की छह गायें जन्म देने वाली हैं। इन गायों का गर्भाधान ‘इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन’ (आईवीएफ) तकनीक का उपयोग करके ‘समाधि’ नाम की गीर गाय के भ्रूण से कराया गया है।
एनजीओ ने दावा किया कि वह 12 महीने की छोटी अवधि में अब तक समाधि से 74 आईवीएफ गर्भाधान कराने में सफल रहा है और अगले दो महीनों में 100 आईवीएफ गर्भाधान कराने का लक्ष्य है।
इस पूरी प्रक्रिया का नेतृत्व करने वाले जेके ट्रस्ट के जेके बोवाजीनिक्स के मुख्य वैज्ञानिक डॉ श्याम जवार ने सोमवार को कहा, ‘‘इस गीर दाता 'समाधि' के 10 आईवीएफ भ्रूणों को फलटन तहसील के तामखाड़ा गांव स्थित थेंगिल के फार्म की होल्स्टीन फ्रीजियन क्रॉसब्रेड प्राप्तकर्ता गायों में स्थानांतरित किया गया था। इन 10 गायों में से 8 के गर्भवती होने की पुष्टि हुई है। इस आईवीएफ प्रक्रिया में इस्तेमाल वीर्य प्रसिद्ध ब्राजीलियाई गीर सांड ‘एस्पान्टो’ का था।’’
इन 74 आईवीएफ गर्भाधानों में से, 30 आईवीएफ बछड़ों का जन्म पहले ही महाराष्ट्र के पुणे, अहमदनगर और सतारा जिलों सहित देश के विभिन्न हिस्सों में किसानों के यहां हो चुका है।
जावर ने कहा, ‘‘इसमें शामिल प्रक्रिया एक अत्यधिक उन्नत तकनीक है जिसमें उच्च परिशुद्धता और सटीकता की आवश्यकता होती है। यह मनुष्यों में ‘टेस्ट-ट्यूब बेबी’ के समान है।’’
इस बीच, थेंगिल ने पीटीआई-भाषा से कहा कि वह बहुत खुश और उत्साहित हैं कि आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया उनके घर पर हुई है। तामखाड़ा गांव के सरपंच थेंगिल ने कहा, ‘‘हम आईवीएफ की पूरी प्रक्रिया को देखकर खुश थे और अब आठ गायों में से दो गायों ने एक-एक नर बछड़े को जन्म दिया है और अगले दो से तीन दिनों में बाकी गायें भी बछड़ों को जन्म देंगी।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।