श्रीनगर: कोरोना वायरस महामारी फैलने के बाद जम्मू कश्मीर छोड़कर चले गए 40 हजार गैर कश्मीरी प्रवासी श्रमिकों में से 25 हजार काम के लिए केंद्र शासित प्रदेश वापस आ गए हैं। यह जानकारी एक शीर्ष अधिकारी ने दी। 25 मार्च को देशव्यापी लॉकडाउन लागू होने के बाद से प्रवासी श्रमिकों सहित कुल 3.2 लाख लोग बाहर से जम्मू कश्मीर आए और उन सभी की कोविड-19 जांच की गई। मंडल आयुक्त (कश्मीर) पांडुरंग कोंडबाराव पोल ने यहां पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘कुल 25,000 गैर-कश्मीरी प्रवासी श्रमिक जम्मू और कश्मीर लौट आए हैं जो कोरोना वायरस फैलने के बाद अपने-अपने राज्य चले गए थे।
’’ अनुमान है, कोविड-19 महामारी से पहले केंद्र शासित प्रदेश में 40,000 गैर-कश्मीरी प्रवासी श्रमिक विभिन्न कार्यों में लगे हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहली बार देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा किये जाने के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले प्रवासी श्रमिक अपने मूल स्थानों को रवाना होने के लिए आतुर हो गए। उस समय परिवहन की अनुपलब्धता के कारण, उनमें से कई पैदल चलकर घर लौटने लगे थे, जिससे मानवीय संकट पैदा हो गया था।
बाद में, केंद्र सरकार ने प्रवासी श्रमिकों के लिए 'श्रमिक स्पेशल' ट्रेनें शुरू कीं। जम्मू कश्मीर ने केंद्र शासित प्रदेश लौटे इन 3.2 लाख लोगों के कोविड-19 जांच करायी है, जिसमें प्रवासी कर्मचारी भी शामिल हैं। इनमें से 29,963 चार अगस्त तक जम्मू हवाई अड्डे पर और 48,680 श्रीनगर हवाई अड्डे पर पहुंचे। कुल 41,680 जम्मू में रेलवे स्टेशन पर पहुंचे जबकि बाकी सड़क मार्ग से आए।
जम्मू कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर एकमात्र राज्य है जो रियल टाइम पोलीमरेज़ चेन रिएक्शन (आरटी-पीसीआर) पद्धति से कोविड-19 जांच कर रहा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम सबसे अधिक जांच कर रहे हैं और हमारे यहां मृत्यु दर सबसे कम है।’’ जम्मू कश्मीर में अब तक कुल 6.63 लाख जांच की गई हैं। प्रति 10 लाख लोगों पर जांच 50,853 है। केंद्रशासित प्रदेश में मृत्यु दर 1.9 प्रतिशत है। जम्मू कश्मीर में, अब तक 22,396 लोग कोविड-19 से संक्रमित मिले हैं जिनमें से 14,856 ठीक हो गए हैं। कुल 417 रोगियों की संक्रमण से मौत हो गई है।