भारतीय वायुसेना (IAF) को इजरायल से 'स्पाइस 2000 बम' का नया वर्जन मिलना शुरू हो गया है। भारतीय वायुसेना के सूत्रों से यह पता चला है। समाचार एजेंसी एएनआई ने एयरफोर्स के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि नए बमों की पहली खेप हाल में ही भारत को डिलीवर किया गया था।
बता दें कि इसी वर्ष 26 फरवरी को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में बालाकोट, मुजफ्फराबाद और चकोटी इलाकों में भारतीय वायुसेना एयर स्ट्राइक के दौरान जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ठिकाने उड़ाने के लिए 'स्पाइस 2000' बमों का इस्तेमाल किया था। इन बमों की सफलता को देखते हुए इसी वर्ष जून में भारतीय वायुसेना इमरजेंसी बैकअप के लिए इजरायल से 100 स्पाइस बमों का समझौता किया था।
इसी साल जून में भारतीय वायुसेना ने इजरायल के साथ आपात व्यवस्था (इमरजेंसी पावर्स) के तहत 100 स्पाइस-2000 बमों का समझौता किया था। बालाकोट एयर स्ट्राइक में जिन स्पाइस बमों का इस्तेमाल वायुसेना ने अपने मिराज विमानों से किया था, वे पेनीट्रेटर वर्जन के थे। वे पहले इमारत में छेद करते थे और फिर अंदर घुसकर धमाका करते थे। कहा जाता है कि इस तकनीक में इमारत नहीं गिरती है, बल्कि भीतर मौजूद आतंकी मार गिराए जाते हैं।
बमों की नई खेप के बारे में कहा जा रहा है कि ये इमारत को ध्वस्त करने वाले यानी 'बिल्डिंग ब्लास्टर' वर्जन के हैं और इन्हें सुखोई विमान के वॉरहेड में इस्तेमाल किया जा सकेगा।