लखनऊ : यूपी पुलिस प्रदेश में कैसे काम कर रही है । यह एक वीडियो में स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है । जब वरिष्ठ अधिकारी कथित तौर पर मृतक गोरखपुर व्यवसायी के परिवार को मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं करने के लिए राजी करते हुए नजर आ रहे हैं । पुलिस का कहना है कि मामला दर्ज कराने से कोई फायदा नहीं है । इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जिला के शीर्ष अधिकारी पीड़ित परिवार को मामला दर्ज करवाने से रोक रहे हैं ।
गोरखपुर के व्यवसायी मनीष गुप्ता की सोमवार देर रात शहर के एक होटल में पुलिस की छापेमारी के दौरान मौत हो गई । कारोबारी की मौत के बाद मंगलवार रात छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया । घटना पर देशव्यापी आक्रोश के बाद बुधवार को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला भी दर्ज किया गया था ।
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वीडियो को पीड़ित परिवार के किसी सदस्य ने कथित तौर पर गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट विजय किरण आनंद और एसएसपी विपिन टाडा के साथ बैठक के दौरान रिकॉर्ड किया है ।
वीडियो में जिलाधिकारी गुप्ता के परिवार से कहते नजर आ रहे हैं कि ''मैं बड़े भाई की तरह आपसे विनती कर रहा हूं. कोर्ट केस के बाद आप यकीन नहीं करेंगे, कोर्ट में सालों लग जाते हैं ।''
वीडियो में फिर एसएसपी विपिन टाडा ये कहते हुए नजर आते है कि "पुलिस की पीड़िता के साथ कोई पिछली दुश्मनी नहीं थी । वे वर्दी में गए थे और इसलिए मैं सुबह से आपको सुन रहा हूं । आपने उन्हें निलंबित करने के लिए कहा और मैंने किया । वह क्लीन चिट मिलने तक उन्हें बहाल नहीं किया जाएगा । ''
गुप्ता के परिवार की एक महिला को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि वह चाहती है कि पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया जाए । इस बीच, अधिकारियों को पता चल गया कि उनके बीच की बातों को रिकॉर्ड किया जा रहा है और उन्होंने इसे रोकने को कहा । आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह समेत कई राजनेताओं ने वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ''ये आदित्यनाथ सरकार के अधिकारी हैं । कह रहे हैं “FIR न लिखवाओ वरना सालों साल केस चलेगा” SP महोदय खुद मान रहे हैं “पुलिसवालों का पहले से कोई झगड़ा तो था नहीं” मतलब साफ़ है की एक निर्दोष व्यक्ति की बिना किसी जुर्म के हत्या कर दी गई। तो FIR क्यों नही? न्याय कैसे मिलेगा? सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब वायरल हो रहा है ।