लाइव न्यूज़ :

गुलाम नबी आज़ाद ने कहा, "अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का विरोध करने वाले जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैं"

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: August 07, 2023 8:16 AM

गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का विरोध कर रहे हैं, वो जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैं।

Open in App
ठळक मुद्देगुलाम नबी आज़ाद ने धारा 370 के मसले पर जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों को आड़े हाथों लिया धारा 370 समाप्त करने का विरोध करने वाले जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैंधारा 370 किसी विशेष क्षेत्र, प्रांत या धर्म के लिए नहीं था, ये तो सभी के लिए फायदेमंद था

डोडा: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के प्रमुख गुलाम नबी आज़ाद ने बीते रविवार को कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का विरोध करने वाले लोग जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल से अनजान हैं।

आजाद की टिप्पणी उस मौके पर आयी है, जब सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर से केंद्र द्वारा 5 अगस्त, 2019 को समाप्त किये गये विशेष दर्जे के कदम को असंवैधानिक बताने वाली याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है।

कश्मीर के डोडा में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रीय दलों मसलन नेशनक कांफ्रेंस और पीडीपी का नाम लिए बिना उन पर जबरदस्त कटाक्ष किया।

उन्होंने कहा, "जो लोग सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 को रद्द करने का विरोध कर रहे हैं, वे जम्मू-कश्मीर के इतिहास और भूगोल के साथ-साथ इसकी जमीनी स्थिति से अनजान हैं। अनुच्छेद 370 किसी विशेष क्षेत्र, प्रांत या धर्म के लिए नहीं था बल्कि सभी के लिए समान रूप से फायदेमंद था।''

आजाद ने कहा, "मुझे सुप्रीम कोर्ट पर पूरा भरोसा है। मेरा मानना ​​है कि वह अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले के सभी पहलुओं पर गौर करेगा।"

इससे पहले भाजपा ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, "अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से जम्मू-कश्मीर में शांति, विकास और समृद्धि आई है।"

अनुच्छेद 370 समाप्त होने की चौथे साल 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि 370 के हटाय़े जाने के समय उन्हें पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ "घर में नजरबंद" कर दिया गया था।

मालूम हो कि केंद्र द्वारा धारा 370 को समाप्त किये जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई के दौरान पूछा था, "एक प्रावधान (अनुच्छेद 370), जिसे विशेष रूप से संविधान में एक अस्थायी प्रावधान के रूप में उल्लेख किया गया था, 1957 में जम्मू-कश्मीर संविधान सभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद स्थायी कैसे हो सकता है?"

इसके साथ ही चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच ने तर्क दिया कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की सुविधा के लिए संसद खुद को जम्मू-कश्मीर की विधायिका घोषित नहीं कर सकती थी, क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 354 शक्ति के ऐसे प्रयोग को अधिकृत नहीं करता है।

टॅग्स :गुलाम नबी आजादधारा 370जम्मू कश्मीरसुप्रीम कोर्टDY Chandrachudमोदी सरकार
Open in App

संबंधित खबरें

भारतचीन को मिलेगा उसी की भाषा में जवाब, सरकार ने तिब्बत में 30 स्थानों के नाम बदलने को मंजूरी दी, सेना द्वारा जारी किया जाएगा

भारतजानिए कैबिनेट मंत्री , राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और राज्य मंत्री में अंतर, किसे मिलता है कितना वेतन

भारतNEET 2024 परीक्षा के रिजल्ट पर सवाल, सुप्रीम कोर्ट को अब NTA और केंद्र से जवाब का इंतजार

भारतNEET 2024: रिजल्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर Physics Wallah के अलख पांडे SC पहुंचे, कुछ देर में होगी सुनवाई

भारतAll Eyes on Reasi: 'हमने मरने का नाटक किया, बस गिरते ही बेटे का हाथ छूटा और..', हादसे में जीवित बचे लोगों ने सुनाई आपबीती

भारत अधिक खबरें

भारतउत्तर प्रदेश: चुनाव में हार के बाद हुई कैबिनेट में स्थानांतरण नीति को दी गई मंजूरी, 41 प्रस्तावों पर लगी मुहर

भारतJitin Prasada resigns: जितिन प्रसाद ने दिया इस्तीफा!, आखिर क्या है वजह

भारतUP Politics News: जीत से उत्साहित अखिलेश यादव अब पीडीए को देंगे और धार, "लक्ष्य 2027, सपा 300 पार" का नया नारा

भारतMaharashtra Legislative Council Elections: महाराष्ट्र विधान परिषद चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन में दरार?, ठाकरे से नाराज कांग्रेस!, कोंकण स्नातक और नासिक शिक्षक निर्वाचन को लेकर रार

भारतOdisha New CM Live Updates: ओडिशा के नए मुख्यमंत्री होंगे मोहन माझी, केवी सिंह देव और पार्वती परिदा डिप्टी सीएम