Jitin Prasada resigns: जितिन प्रसाद ने दिया इस्तीफा!, आखिर क्या है वजह
By राजेंद्र कुमार | Updated: June 11, 2024 18:55 IST2024-06-11T18:54:23+5:302024-06-11T18:55:40+5:30
Jitin Prasada resigns: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत सीट से चुनाव जीते जितिन प्रसाद को अपनी सरकार में शामिल कर अब ब्राह्मण समाज को पार्टी से जोड़ने का दायित्व भी सौंपा है.

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Jitin Prasada resigns: केंद्र सरकार में मंत्री बने जितिन प्रसाद ने यूपी सरकार के मंत्री पद और विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिया है. जितिन प्रसाद यूपी की योगी सरकार में लोक निर्माण विभाग के मंत्री थे. उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. जितिन प्रसाद केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनाकर वाणिज्य एवं उद्योग के साथ इलेक्ट्रॉनिक्स एवं इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी दी गई. मोदी सरकार में जितिन प्रसाद का चयन ब्राह्मण कोटे के मंत्री के रूप में भी किया गया हैं.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तीन ब्राह्मण नेताओं महेश शर्मा, दिनेश शर्मा और सुधांशु त्रिवेदी को उम्मीद थी कि उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीलीभीत सीट से चुनाव जीते जितिन प्रसाद को अपनी सरकार में शामिल कर अब ब्राह्मण समाज को पार्टी से जोड़ने का दायित्व भी सौंपा है.
दो बार के सांसद रहे जितिन प्रसाद बीते विधानसभा चुनावों के ठीक पहले कांग्रेस से नाता तोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे. राहुल गांधी के दोस्त रहे जितिन प्रसाद के भाजपा में आते ही उन्हें राज्यपाल कोटे से एमएलसी बनाकर प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनाया गया था. योगी सरकार में मिली इस अवसर का लाभ उठाते हुए जितिन प्रसाद ने यूपी में प्रबुद्ध सम्मेलनों के जरिए भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया,
अपने प्रभाव वाले क्षेत्रों में बीते विधानसभा चुनावों के दौरान उन्होंने भाजपा के उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित की. इसी के बाद योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हे पीडबल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) जैसे बड़े विभाग का मंत्री बना कर भाजपा ने उन्हे अपना युवा ब्राह्मण चेहरा बताना शुरू किया.
इस लोकसभा चुनाव में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हे पीलीभीत सीट से वरुण गांधी के स्थान पर चुनाव लड़ाने का फ़ैसला किया. पीलीभीत में जितिन प्रसाद का मुक़ाबला समाजवादी पार्टी (सपा) के पांच बार विधायक रहे भगवत सरन ग्नागवार से हुआ जिन्हे हराकर जितिन प्रसाद पार्टी नेतृत्व की उम्मीदों पर खरे उतरे.
यूपी के ये ब्राह्मण नेता नहीं बने मंत्री
जितिन प्रसाद के पीलीभीत सीट से चुनाव जीतने के बाद उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बनाए जाने की उम्मीद कई लोगों ने जताई थी. जो सही साबित हुई और जितिन प्रसाद को जीत के तोहफे के रूप में केंद्र के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है. हालांकि यूपी भाजपा के तीन ब्राह्मण नेताओं को उम्मीद थी कि उनको मौका मिलेगा.
एनसीआर की गौतमबुद्धनगर यानी नोएडा सीट से जीते महेश शर्मा को लग रहा था कि उनकी फिर से सरकार में वापसी हो सकती है. वे नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में मंत्री बने थे लेकिन उसके बाद से उनको मौका नहीं मिल रहा है. इसी तरह उत्तर प्रदेश के दो अन्य ब्राह्मण नेता दिनेश शर्मा और सुधांशु त्रिवेदी के नाम की भी चर्चा चल रही थी.
ये दोनों नेता राज्यसभा में हैं. उत्तर प्रदेश के दो बड़े ब्राह्मण नेता अजय मिश्र टेनी और महेंद्र नाथ पांडेय चुनाव हारे थे, इस वजह से यह कहा जा रहा था कि मोदी सरकार में ब्राह्मण नेता को जरूर मंत्री बनाया जाएगा और वह नेता जितिन प्रसाद निकल.
कौन हैं जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद के पिता जितेंद्र प्रसाद कांग्रेस के बड़े नेता थे. शाहजहांपुर में उनके पिता को लोग सम्मान से बाबा साहब कहते थे. कांग्रेस के उपाध्यक्ष रहे जितेंद्र प्रसाद प्रधानमंत्री राजीव गांधी और पीवी नरसिम्हा राव के राजनीतिक सलाहकार भी रहे. ऐसे तेजतरार पिता के पुत्र जितिन प्रसाद वर्ष 2004 में राजनीति में आए उन्होंने शाहजहांपुर और उसे बाद धौरहरा सीट से चुनाव लड़ा.
31 वर्ष की उम्र में वह पहली बार सांसद बने. केंद्र में मनमोहन सिंह की सरकार में वह सबसे युवा मंत्री रहे थे. उन्होने मनमोहन सिंह की सरकार में इस्पात और पेट्रोलियम जैसे बड़े मंत्रालय संभाले थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दोस्त रहे जितिन प्रसाद को अब केंद्र की सरकार में कार्य करने का मौका मिल रहा है.