नई दिल्ली: जर्मनी की विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि 21वीं सदी, खास तौर पर हिन्द प्रशांत क्षेत्र में विश्व व्यवस्था को आकार प्रदान करने में भारत की निर्णायक भूमिका होगी और भारत की यात्रा करना दुनिया के छठे हिस्से की यात्रा करने जैसा है।
जर्मनी का भारत है एक नैसर्गिक सहयोगी- जर्मनी की विदेश मंत्री
बेयरबॉक ने कहा कि हम भारत के साथ हमारे आर्थिक, जलवायु संबंधी और सुरक्षा नीति सहयोग को सामरिक गठजोड़ से आगे ले जाना चाहते हैं और यह सिर्फ खोखली बात नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि भारत, जर्मनी का नैसर्गिक सहयोगी है।
जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों पक्ष एक आवाजाही (मोबिलिटी) समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे जिससे हमारे लोगों का पढ़ाई, शोध कार्य और एक दूसरे के यहां काम करना आसान हो जायेगा । बेयरबॉक दो दिवसीय यात्रा पर सोमवार को भारत पहुंची। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने ट्वीट कर यह जानकारी दी है।
प्रवक्ता अरिंदम बागची ने क्या कहा
इस पर बोलते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ‘‘अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचने पर जर्मनी की विदेश मंत्री बेयरबॉक का स्वागत है। यह हमारे सामरिक गठजोड़ में प्रगति की समीक्षा करने तथा क्षेत्रीय एवं वैश्विक घटनाक्रम पर विचारों का आदान प्रदान करने का अवसर है।’’
इससे पहले, बेयरबॉक ने पिछले 15 वर्षो में 40 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के भारत के प्रयासों को ‘सराहनीय’ बताया है। जर्मनी की विदेश मंत्री ने कहा, "यह प्रदर्शित करता है कि सामाजिक बहुलतावाद, स्वतंत्रता और लोकतंत्र यहां आर्थिक विकास, शांति एवं स्थिरता के वाहक हैं।"
भारत की यात्रा करना दुनिया के छठे हिस्से की यात्रा करना जैसा-एनालेना बेयरबॉक
इस पर बोलते हुए एनालेना बेयरबॉक ने कहा कि इसके साथ ही मानवाधिकारों को मजबूत करने पर भी मिलकर कार्य करना है। बेयरबॉक ने कहा कि 21वीं सदी, खास तौर पर हिन्द प्रशांत में विश्व व्यवस्था को आकार प्रदान करने में भारत की महवपूर्ण भूमिका होगी और भारत की यात्रा करना दुनिया के छठे हिस्से की यात्रा करने जैसा है।
इन मुद्दों पर हुई है बैठक में चर्चा
बेयरबॉक और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यहां बैठक की। इसमें ऊर्जा, कारोबार और जलवायु परिवर्तन सहित द्विपक्षी सहयोग को बढ़ाने के बारे में चर्चा की गई । विदेश मंत्रालय के अनुसार, जर्मनी और भारत के बीच सामरिक गठजोड़ है तथा जर्मनी की विदेश मंत्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों तथा साझा हितों से जुड़े क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
आपको बता दें कि भारत और जर्मनी ने वर्ष 2021 में अपने राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ मनाई है। वहीं, इस वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी छठे भारत-जर्मनी अंतर सरकारी सम्मेलन में हिस्सा लेने बर्लिन गए थे। इसके अलावा भारत जी7 देशों की बैठक में सहभागी देश के रूप में शामिल हुआ था।