दिल्ली में किसानों का ट्रैक्टर परेड उग्र रूप लेता जा रहा है। इस प्रदर्शन से जुड़ी कई तरह की खबरें सामने आ रही है। एनडीटीवी में छपी रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली के आईटीओ पर हंगामें के दौरान उत्तराखंड निवासी नवनीत नामक शख्स की मौत हो गई । वह उत्तराखण्ड के बाजपुर इलाके का रहना वाला है। पुलिस की मानें तो किसान की मौत ट्रैक्टर पलटने की वजह से हुई है।
लेकिन इस मौत के लिए वहां मौजूद किसानों ने पुलिस को जिम्मेदार ठहराया है। किसान नेताओं का दावा है कि आईटीओ पर पुलिस की फायरिंग के दौरान शख्स की मौत हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई और वे लाल किला और आईटीओ पहुंच गए। कई जगहों पर वे ट्रैक्टर परेड के लिए तय रास्तों को छोड़कर अन्य रास्तों से जाने लगे और उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। पुलिस द्वारा आईटीओ से खदेड़े गए प्रदर्शनकारी किसानों का एक समूह अपने ट्रैक्टर लेकर लालकिला परिसर पहुंच गया।
ये प्रदर्शनकारी लालकिला परिसर में घुस गए और उस ध्वज-स्तंभ पर अपना झंडा लगाते दिखे जहां से प्रधानमंत्री 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। उन्होंने लालकिले के कुछ गुंबदों पर भी अपने झंडे लगा दिए। इससे पहले प्रदर्शनकारी किसान आईटीओ पहुंच गए और लुटियंस इलाके की तरफ बढ़ने की कोशिश की। इसपर पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा।
हिंसा समाधान नहीं, देशहित में कृषि कानूनों को वापस लिया जाए
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान कुछ जगहों पर पुलिस एवं किसानों के बीच झड़प होने के बाद कहा कि हिंसा किसी समस्या का समाधान नहीं है और सरकार को देशहित में तीनों कृषि कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया कि हिंसा किसी समस्या का हल नहीं है। चोट किसी को भी लगे, नुक़सान हमारे देश का ही होगा। देशहित के लिए कृषि-विरोधी क़ानून वापस लो!