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अदालत ने पान मसाला कंपनी के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगायी

By भाषा | Updated: December 17, 2021 16:44 IST

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नयी दिल्ली, 17 दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने कानून का उल्लंघन करते हुए तंबाकू उत्पादों के सरोगेट या अप्रत्यक्ष विज्ञापन में कथित तौर पर शामिल होने पर एक पान मसाला कंपनी को भेजी गई स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) की नोटिस पर रोक लगा दी है।

कंपनी को अपना विज्ञापन अभियान जारी रखने की अनुमति देते हुए अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश राजिंदर सिंह ने कहा कि सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम में तंबाकू उत्पादों के प्रदर्शन, विज्ञान और बिक्री पर रोक है लेकिन सरोगेट विज्ञापन के संबंध में कोई खास रोक नहीं है।

सरोगेट विज्ञापन, विज्ञापन का एक रूप है जिसका उपयोग किसी अन्य उत्पाद के भेष में सिगरेट, तंबाकू और शराब जैसे विनियमित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए किया जाता है।

न्यायाधीश ने कहा कि गुटखा की बिक्री पर प्रतिबंध है और ऐसी परिस्थितियों में कंपनी के पास ऐसे उत्पाद के प्रचार के लिए सरोगेट विज्ञापन में शामिल होने की कोई वजह नहीं है जिसे देश में बेचा नहीं जा सकता।

डीजीएचएस ने दावा किया था कि 2005 में तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले नियम लाए गए लेकिन कंपनी ने सरोगेट विज्ञापन अभियान चलाया, जहां ‘दिलबाग’ नाम के ब्रांड के तहत तंबाकू उत्पादों के प्रचार के लिए ‘दिलबाग पान मसाला’ का विज्ञापन किया गया।

निदेशालय ने 25 अप्रैल 2018 को कंपनी को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि उसने दिल्ली के डाबड़ी फ्लाईओवर पर 2018 में तंबाकू उत्पादों के ब्रांड प्रचार के तौर पर अप्रत्यक्ष विज्ञापन वाला एक होर्डिंग लगाया ताकि युवाओं को तंबाकू की लत में फंसाया जा सके, जो सीओटीपी कानून का उल्लंघन है।

स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि ‘दिलबाग’ विभिन्न तंबाकू उत्पादों के लिए एक पंजीकृत व्यापार चिह्न है। यह व्यापार चिह्न चबाने वाले तंबाकू, जर्दा आदि के लिए भी पंजीकृत है। उसने कहा कि ‘‘एक तंबाकू उत्पाद के ब्रांड नाम को दूसरे उत्पादों के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।’’

बहरहाल, कंपनी ने कहा कि विज्ञापन किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं है। उसने दावा किया कि उनका पान मसाला 100 प्रतिशत तंबाकू मुक्त है और तंबाकू वाला पान मसाला ही सीओटीपी कानून के तहत आता है। कंपनी ने पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति भी मांगी है।

अदालत ने पान मसाला कंपनी को अंतरिम राहत देते हुए कहा कि डीजीएचएस ने कहीं यह दावा नहीं किया कि ‘दिलबाग पान मसाला’ में कोई तंबाकू, निकोटिन या कोई अन्य प्रतिबंधित पदार्थ है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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