नई दिल्लीः मध्य रेलवे के महाप्रबंधक विजय कुमार का हृदयाघात से निधन हो गया है। मध्य रेलवे ने पुष्टि की। विजय कुमार 1 अक्टूबर 2025 को मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया था। वे भारतीय रेलवे यांत्रिक इंजीनियर सेवा (IRSME), 1988 बैच के अधिकारी हैं। वे धर्मवीर मीणा का स्थान लिया था। पूर्व अनुभव और उपलब्धियाँ मध्य रेलवे के अनुसार, मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण करने से पहले, विजय कुमार चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (CLW) के महाप्रबंधक के रूप में कार्यरत थे, जहाँ उन्होंने CLW को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने में गतिशील नेतृत्व प्रदान किया। उनके निर्देशन में, CLW ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान विश्व स्तरीय विशेषताओं वाले 700 लोकोमोटिव का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन करके इतिहास रच दिया।
मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) विजय कुमार का मंगलवार तड़के मुंबई में निधन हो गया। उन्होंने एक महीने पहले ही पदभार संभाला था। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक चिकित्सा राय में मौत का कारण नींद में हृदयाघात बताया गया है, लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही सही कारण का पता चलेगा। उन्होंने कुमार की उम्र के बारे में जानकारी नहीं दी।
मध्य रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि कुमार को मुंबई के जसलोक अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। भारतीय रेलवे यांत्रिक इंजीनियर सेवा (आईआरएसएमई) के 1988 बैच के अधिकारी कुमार ने एक अक्टूबर को मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया था।
अधिकारियों ने बताया कि कुमार ने रेलवे बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान सेमी हाई-स्पीड कॉरिडोर के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी तथा स्पेन में डिजाइन की गई टैल्गो रेलगाड़ियों के गति परीक्षणों का पर्यवेक्षण किया था। उनके परिवार में पत्नी, एक बेटा और एक बेटी हैं।
अपने 35 वर्षों से अधिक के शानदार करियर के दौरान उन्होंने भारतीय रेलवे में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है और उत्तर पश्चिम रेलवे, रेलवे बोर्ड, उत्तर रेलवे और अनुसंधान डिजाइन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उच्च गति रेल परियोजनाओं में योगदान रेलवे बोर्ड में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने स्पेन में डिज़ाइन की गई एल्युमीनियम कोच वाली टैल्गो ट्रेनों के गति परीक्षणों का संचालन किया था और स्वर्णिम चतुर्भुज सहित सभी अर्ध-उच्च गति गलियारों के नोडल अधिकारी थे। आरडीएसओ में कार्यकाल के दौरान, वे पूरे उत्तरी भारत के लिए 6 वर्षों से अधिक समय तक निदेशक सूचना एवं संचार (निरीक्षण एवं संपर्क) रहे।