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बेंगलुरू की सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों से ज्यादा खतरनाक: CAG रिपोर्ट

By मनाली रस्तोगी | Updated: March 17, 2022 11:57 IST

भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की सामने आई एक रिपोर्ट से ये पता चलता है कि बेंगलुरु में बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका की सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में ज्यादा खतरनाक हैं।

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ठळक मुद्देरिपोर्ट में कहा गया है कि घायल लोगों की संख्या 2015 में 56,971 से घटकर 2020 में 39,492 हो गई। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वाहनों को ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस प्रमाण पत्र बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए जारी किए गए।

बेंगलुरु: भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (CAG) की एक रिपोर्ट से पता चला है कि बेंगलुरु में बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका (BBMP) सड़कें राज्य और राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक खतरनाक हैं। कैग ने कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण के कामकाज पर अपने ऑडिट में कहा है कि बीबीएमपी सीमा में सड़कों को रोड यूजर्स के मद्देनजर सबसे खतरनाक पाया गया है क्योंकि उन्होंने प्रति किलोमीटर 19 से 20 दुर्घटनाएं देखी हैं।

रिपोर्ट ने राज्य के राजमार्गों पर 8.87, प्रमुख जिला सड़कों पर 8.43 और राष्ट्रीय राजमार्गों पर 7.39 पर प्रति किमी खतरों की ओर इशारा किया है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि कहा कि नमूना सड़कों के संयुक्त निरीक्षण से पता चला है कि बीबीएमपी सड़कें राज्य की किसी भी अन्य प्रमुख सड़कों की तुलना में अधिक खतरनाक थीं। सड़क प्रबंधन एजेंसियां ​​भी ब्लैक स्पॉट की समय पर पहचान और सुधार करने में विफल रही हैं, जहां बार-बार और घातक दुर्घटनाएं होती हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा नीति, 2015 में निर्धारित लक्ष्य को महसूस नहीं किया गया क्योंकि 2015 में 17।32% की तुलना में 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में 30 प्रतिशत घातक दुर्घटनाएं हुईं। हालांकि,कि मृत्यु दर में 22।24 प्रतिशत की गिरावट आई है। ये साल 2015 में 10,856 से साल 2020 में 9,760 हो गया। वहीं, राज्य में कोविड-19 के कारण हुए लॉकडाउन से सालाना 2020 में दुर्घटनाओं की संख्या में कमी आई है। 

कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण के कामकाज पर प्रदर्शन ऑडिट पर कैग की रिपोर्ट में बताया गया कि दुर्घटनाओं की संख्या 2015 में 44,011 से घटकर 2020 में 34,178 हो गई। ये रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा में पेश की गई थी। बता दें कि सरकार ने 2015 में कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा नीति और कर्नाटक राज्य सड़क सुरक्षा प्राधिकरण अधिनियम 2017 को विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वित प्रयास के माध्यम से 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं और मृत्यु दर को क्रमशः 25% और 30% तक कम करने के उद्देश्य से लाया गया था। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि घायल लोगों की संख्या 2015 में 56,971 से घटकर 2020 में 39,492 हो गई। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि KSRSA के कार्यों को करने के लिए आवश्यक नियम अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने के लिए अक्टूबर 2021 तक तैयार नहीं किए गए थे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि वाहनों को ड्राइविंग लाइसेंस और फिटनेस प्रमाण पत्र बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए जारी किए गए क्योंकि मोटर वाहनों के निरीक्षक के कैडर में भारी रिक्तियां मौजूद थीं।

स्वास्थ्य विभाग ने 22 जिलों में ट्रॉमा केयर सेंटर (टीसीसी) की स्थापना के लिए कोई कार्य योजना तैयार नहीं की। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुर्घटना पीड़ितों को 90,000 मामलों में समय पर चिकित्सा देखभाल नहीं मिली।

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