Bihar News: जदयू अध्यक्ष पद से ललन सिंह के द्वारा इस्तीफा दिए जाने की चल रही अटकलों के बीच इस बात की चर्चाओं ने भी जोर पकड़ लिया है कि आखिरकार जदयू की कमान किनके हाथों सौंपेंगे नीतीश कुमार? सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं पर गौर करें तो पार्टी की जिम्मेदारी स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने कंधों पर ले सकते हैं।
हालांकि, इस बीच तीन और ऐसे नामों चर्चा है जिनपर नीतीश कुमार विचार कर रहे हैं। सूत्रों की मानें तो नीतीश कुमार अपने मंत्रिमंडल के सहयोगी वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी के साथ-साथ राज्यसभा सदस्य रामनाथ ठाकुर और मंत्री अशोक चौधरी के नामों पर मंथन कर रहे हैं। कहा जा रहा है तीनों नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर काम करने वाले हैं।
जानकार बताते हैं कि 28-29 दिसंबर को दिल्ली में जदयू की होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं कार्य परिषद की बैठक में इसका निर्णय लिया जा सकता है। यही नहीं यह बैठक बिहार की राजनीति के लिए काफी अहम साबित हो सकता है। बता दें कि भाजपा से निकटता के चलते आरसीपी सिंह को हटाकर ललन सिंह 31 जुलाई 2021 को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था।
दूसरी बार पांच दिसंबर को उन्हें निर्विरोध निर्वाचित किया गया था। सूत्रों के अनुसार ललन सिंह ने खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि उन्हें जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया जाए। उनका कहना है कि उन्हें लोकसभा चुनाव लड़ना है। ऐसे में इस दौरान विपक्षी गठबंधन में सीट बंटवारे के लिए भी उन्हें सक्रिय रहना होगा।
बैठकों में बार-बार जाना पड़ेगा। इस वजह से वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी ठीक ढंग से नहीं निभा पाएंगे। सूत्रों के मानें तो ललन सिंह के इस आग्रह को नीतीश कुमार ने मान लिया है। उल्लेखनीय है कि ललन सिंह मुंगेर से सांसद हैं। वह इसके पहले राज्यसभा एवं बिहार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं।
इस बीच जदयू से जुड़े सूत्रों की मानें तो ललन सिंह अपने पद से मुक्त होने के बाद पार्टी संगठन, अपने संसदीय क्षेत्र और विपक्षी दलों के महागठबंधन को मजबूत करने के लिए काम करेंगे। हालांकि ललन सिंह के राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव से नजदीकी और बयानों को लेकर महागठबंधन में परिवर्तन की अटकलें भी लगाई जा रही हैं।