Bihar News: बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन के चाक में राज्य के सभी विश्वविद्यालय पिस रहे हैं। जब राजभवन बैठक बुलाता है तो उच्च शिक्षा के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शामिल नहीं होते हैं। उधर, जब शिक्षा विभाग के द्वारा बैठक बुलाई जाती है तो विश्वविद्यालयों के कुलपति भाग नही लेते हैं। यही कारण है कि बैठक में शामिल नहीं होने का खामियाजा कुलपति, कुलसचिव और परीक्षा नियंत्रक भुगत रहे हैं। सभी के वेतन निकासी पर भी रोक लगा दी गई है। इसी कड़ी में आज राजभवन की तरफ से बुलाई गई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक नहीं पहुंचे।
दरअसल, राजभवन की तरफ से बिहार के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बुलाई बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को न्योता दिया गया था। इसमें केके पाठक को बैठक में शामिल होना था, लेकिन वह राजभवन की बैठक में शामिल नहीं हुए। इस संबंध में पटना विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रोफेसर केसी सिन्हा ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय के कुलपति पहुंचे।
हालांकि, ये पूछे जाने पर कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बैठक में शामिल हुए थे? कुलपति प्रोफेसर केसी सिन्हा ने कहा कि नहीं, वो बैठक में शामिल नहीं हुए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को उच्च शिक्षा विभाग की तरफ बैठक बुलाई गई थी, जिसमें कुलपतियों ने हिस्सा नहीं लिया था।
ऐसे में राजभवन और शिक्षा विभाग के अहम की लड़ाई में विश्वविद्यालय को दिक्कत हो रही है। त्योहारों में वित्तीय संकट पैदा हो गया है। जानकार लोगों का कहना है कि राजभवन सचिवालय विश्वविद्यालय की निगरानी करता है। इसलिए शिक्षा विभाग इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता।
जबकि शिक्षा विभाग का कहना है कि जब वह विश्वविद्यालय को वेतन और विकास के लिए फंड देता है तो वह निगरानी क्यों नहीं कर सकता? शिक्षा विभाग हर बार अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा और संतुष्ट नहीं होने पर वेतन भुगतान पर रोक लगा दी।