पटना: लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण कानून बनाकर महिला सशक्तिकरण का दावा किया गया। सभी दल खुद को महिला हितैषी बताने से चूक नहीं रहे थे। लेकिन लोकसभा चुनाव में यह हवा हो गया। बिहार 40 लोकसभा सीटों के लिए एनडीए ने अपने उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है। जबकि महागठबंधन के अंदर कुछ सीटों पर उम्मीदवारी तय करना बाकी है। दोनों गठबंधन से अब तक 7 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा गया है। एनडीए गठबंधन से 4 महिला उम्मीदवारों टिकट दिया गया है तो महागठबंधन से 3 महिलाओं को सिंबल दिया गया है।
इस आम चुनाव में जदयू के तरफ से दो महिला कैंडिडेट को मैदान में उतारा गया है। इसमें बाहुबली नेता आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद को शिवहर सीट से जदयू ने अपना उम्मीदवार बनाया है। इसके अलावा सीवान सीट से रमेश कुशवाहा की पत्नी विजयलक्ष्मी कुशवाहा को पार्टी के जातीय समीकरण का ख्याल रखकर अपना उम्मीदवार बनाया है। जबकि लोजपा (रामविलास) ने दो महिला को अपना उम्मीदवार बनाया गया है। इसमें वीणा देवी को वैशाली लोकसभा सीट से, जबकि समस्तीपुर से सीट अशोक चौधरी की बेटी शांभवी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वहीं, महागठबंधन के तरफ से मात्र राजद ने ही महिला को अपना उम्मीदवार बनाया है। राजद ने तीन लोकसभा सीटों पर अपना उम्मीदवार बनाया है। उसमें जमुई सीट से अर्चना रविदास को, पूर्णिया सीट से बीमा भारती और मुंगेर सीट पर अशोक महतो की पत्नी अनीता महतो को मैदान में उतारा है। जबकि भाजपा ने एक भी महिला को अपना टिकट नहीं दिया है। वहीं अब कांग्रेस को अभी 6 सीटों पर उम्मीदवार उतारना है, लेकिन लगता नहीं है कि कांग्रेस के द्वारा भी किसी महिला को टिकट दिया जाएगा। इस तरह बिहार में आधी आबादी के सपने अधूरे रह गए।