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Benefits Of Jeera: जीरा केवल जायका नहीं बढ़ाता, जान भी बचा सकता है, जानिए इसके 5 आयुर्वेदिक गुण

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 05, 2024 7:06 AM

भारतीय भोजन में प्रयोग होने वाला जीरे में आयुर्वेदिक औषधीय लाभ पाये जाते हैं। जीरे को वनस्पति विज्ञान में क्यूमिनम सायमिनम कहते हैं, जो भारत व चीन समेत अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में उगाया जाता है।

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ठळक मुद्देभारतीय भोजन में प्रयोग होने वाला जीरे में आयुर्वेदिक औषधीय लाभ पाये जाते हैंजीरे को वनस्पति विज्ञान में क्यूमिनम सायमिनम कहते हैंजीरा भारत व चीन समेत अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में उगाया जाता है

Benefits Of Jeera:  भारतीय भोजन में प्रयोग होने वाला जीरे में आयुर्वेदिक औषधीय लाभ पाये जाते हैं। जीरे को वनस्पति विज्ञान में क्यूमिनम सायमिनम कहते हैं, जो भारत व चीन समेत अफ्रीका और यूरोप के कई देशों में उगाया जाता है।

जीरा एक ऐसा मसाला है, जो भोजन में पौष्टिकता की वृद्धि करता है। यह उन लोगों के लिए विशेष रूप से उपयोगी हो सकता है जिन्हें वजन कम करने में परेशानी होती है। इस अद्भुत मसाले के लाभों को आत्मसात करने का सबसे आसान तरीका जीरा पानी का सेवन करना है।

जीरा पानी तैयार करने के लिए आपको बस एक मुट्ठी जीरा पानी में भिगोना है और इसे रात भर के लिए छोड़ देना है। इतने लंबे समय तक भिगोए रहने के कारण, बीज फूल जाते हैं और पानी में बायोएक्टिव यौगिक छोड़ देते हैं। एक बार जब आप इस काढ़े को रोजाना सुबह में लेना शुरू करेंगे तो केवल 10-14 दिनों में आपको शरीर में फ़र्क नजर आने लगेगा।

जीरा एनीमिया के रोगियों के लिए रामबाण है क्योंकि इसमें बहुत ज्यादा आयरन पाया जाता है। इसके अलावा जीरा ब्लड प्रेशर को भी कंट्रोल करता है क्योंकि इसके सेवन से रक्त वाहिकाओं में खून का आवागमन सामान्य होता है। दैनिक आहार में जीरा शामिल करने से इसके वायुनाशक गुण के कारण अपच और पेट फूलने जैसे पाचन विकारों को रोकने में बहुत कारगर होता है।

जीरे का तेल त्वचा पर लगाने से इसके एंटीफंगल गुण के कारण त्वचा की विभिन्न समस्याओं में मदद मिलती है। ब्लैकहेड्स और डलनेस से छुटकारा पाने के लिए शहद के साथ जीरा पाउडर भी त्वचा पर लगाया जा सकता है। यदि रक्त को पतला करने वाली दवाओं के साथ जीरा लिया जाए तो रक्तस्राव का खतरा बढ़ सकता है, इसलिए इसका उपयोग सावधानी से किया जाना चाहिए।

जीरा के फायदे

सांस की बिमारी में

जीरे में थिमोक्विनोन होता है, जो सूजन और अन्य ऐसे कारणों को कम करता है जो अस्थमा का कारण बनते हैं। यह ब्रोंकोडाइलेटर के रूप में भी कार्य करता है। जीरा शरीर में एंटी- कंजेस्टिव एजेंट के रूप में काम करता है, और फेफड़ों को साफ़ करने में मदद करता है।

यह एक कीटाणुशोधक के रूप में भी काम करता है, इसलिए यह कंजेशन की शुरुआती स्थिति को रोकने में मदद कर सकता है। उदाहरण के लिए जीरा अस्थमा, प्रदूषण संक्रमण, एलर्जी और हार्मोनल असंतुलन को कम करने में बहुत उपयोगी है।

सर्दी और बुखार में

बुखार होना पर और हल्की-फुल्की सर्दी और बार-बार छींक आना या नाक में भारीपन महसूस होना सामान्य बात है। उसे दूर करने के लिए मुट्ठी भर जीरे को भूनकर उसे कपड़े में बांधकर थोड़ी-थोड़ी देर में सूंघा जा सकता है। इससे कुछ हद तक आराम मिल सकता है।

इसके अलावा बुखार में भी जीरा फायदे पहुंचाने का काम कर सकता है। दरअसल, जीरे में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-फंगल गुण ठंड से बचाने में मदद कर सकते हैं और साथ ही इम्यूनिटी को बढ़ाकर संक्रमण से लड़ने में मदद कर सकते हैं। जीरा पानी में अदरक डालकर पीने से ठंड से राहत मिल सकती है और गले की खराश दूर होती है।

कोलेस्टेरॉल में सुधार

एक अध्ययन में पाया गया कि यदि रोजाना जीरे का सेवन किया जाए तो बुरे कोलेस्टेरॉल और ट्रिग्लिसराइड को कम करने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं जीरे का सेवन करने से अच्छे कोलेस्टेरॉल (एचडीएल) का स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है।

इम्यूनिटी बढ़ाता है

जीरा खाने के फायदे में रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना भी शामिल है। दरअसल इसमें इम्यूनोमॉड्यूलेटरी होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को जरूरत के हिसाब से बढ़ाते हैं। वहीं, जीरा आयरन से समृद्ध होता है। यह तत्व ऑक्सीजन को शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचाने के साथ ही इम्यूनिटी सिस्टम को भी स्वस्थ रखता है। इसके लिए जीरा पानी का सेवन फायदेमंद हो सकता है।

एनीमिया को रोकता है

शरीर में आयरन की कमी व कई अन्य कारण से एनीमिया यानी खून की कमी की समस्या उत्पन्न हो सकती है। इसकी वजह से शरीर कमजोर होने लगता है, चक्कर आने लगते हैं और देखते ही देखते शरीर कई अन्य समस्याओं से घिर जाता है। इस समस्या में जीरा का सेवन किया जा सकता है। दरअसल, जीरा में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है, जो आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया की समस्या से बचाव कर सकता है।

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