जोधपुर अदालत ने बुधवार (25 अप्रैल) को धार्मिक गुरु आसाराम बापू को नाबालिग लड़की से बलात्कार के लिए उम्रकैद की सजा सुनायी है। अदालत ने आसाराम बापू समेत तीन लोगों को लड़की के बलात्कार को दोषी करार दिया था। अदालत ने मामले के दो अभियुक्तों को बरी कर दिया। पीड़िता ने अगस्त 2013 में आसाराम बापू के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करायी थी। पीड़िता के अनुसार आसाराम बापू ने जोधपुर के निकट स्थित एक आश्रम में उसका यौन उत्पीड़न किया था। पीड़िता आसाराम बापू के आश्रम द्वारा संचालित स्कूल में पढ़ती थी। पीड़िता के माता-पिता आसाराम के भक्त थे।
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आसाराम द्वारा नाबालिग से बलात्कार मामले की पूरी टाइमलाइन-
15 अगस्त 2013: जोधपुर स्थित मणाई गांव के पास फार्म हाउस में आसाराम बापू ने कथित तौर पर एक नाबालिग छात्रा का बलात्कार किया।
19 अगस्त 2013: पीड़िता और उसके माता-पिता ने नई दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में आसाराम के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
20 अगस्त 2013: धारा 164 के अंतर्गत पीड़िता के बयान दर्ज किया गया। जिसके बाद दिल्ली के कमला नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज जीरो एफआईआर को जोधपुर ट्रान्सफर किया गया।
31 अगस्त 2013: केस दर्ज होने के बाद जोधपुर पुलिस की टीम ने मध्य प्रदेश के इंदौर जिले से आसाराम को गिरफ्तार किया। आसाराम के खिलाफ पॉक्सो एक्ट की धारा 8 और जेजेए की धारा 23 व 26 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। 6 नवम्बर 2013: कोर्ट में पुलिस द्वारा आसाराम के खिलाफ चालान पेश किया गया। इसके बाद नवम्बर 29 को कोर्ट ने संज्ञान लिया।
13 फरवरी 2014: मुख्य आरोपी आसाराम और सहआरोपी शिल्पी, शरद, प्रकाश के खिलाफ कोर्ट ने आरोप तय किए।
19 मार्च 2014 से 6 अगस्त 2016: इस दौरान पीड़िता पक्ष ने 44 गवाहों की गवाही कराई और इसके अलावा कोर्ट में 160 दस्तावेज पेश किए गए।
4 अक्टूबर 2016: जोधपुर कोर्ट में बलात्कार आरोपी आसाराम के बयान दर्ज किए गए। 22 नवम्बर 2016 से 11 अक्टूबर 2017: इस दौरान में बचाव पक्ष ने अदालत के समक्ष 31 गवाही दर्ज कराई, और साथ में 225 दस्तावेज पेश किए।
7 अप्रैल 2018: इस मामले में विशेष एससी-एसटी कोर्ट में बहस पूरी हो गई।
25 अप्रैल 2018: अदालत ने आसाराम बापू और दो अन्य अभियुक्तों को दोषी करार दिया। दो अभियुक्तों को अदालत ने बरी कर दिया।
25 अप्रैल 2018: अदालत ने आसाराम बापू को उम्रकैद की सजा सुनायी। दो अन्य दोषियों शिल्पी और शरद को 20-20 साल जेल की सजा सुनायी गयी। सभी दोषियों पर अदालत ने एक-एक लाख रुपये जुर्माना लगाया।