जानिए असुमल कैसे बने आसाराम बापू, पढ़ें अब तक का पूरा सफर
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: April 25, 2018 08:57 AM2018-04-25T08:57:14+5:302018-04-25T10:42:10+5:30
आसाराम बापू के लिए का दिन बेहद खास होने वाला है। उनके भक्त जो उनको भगवान मानते हैं, वह आज उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
नई दिल्ली, 25 अप्रैल: आसाराम बापू के लिए का दिन बेहद खास होने वाला है। उनके भक्त जो उनको भगवान मानते हैं, वह आज उनके लिए प्रार्थना कर रहे हैं। जेल की हवा खा रहे आसाराम के भक्त आज भी इन्हें भगवान मानते हैं और इन्हें 'बापू' के नाम से पुकारते हैं। हांलाकि उन पर कई तरह के संगीन आरोप लग चुके हैं लेकिन फिर भी उनके समर्थक उन्हें भगवान और निर्दोष मानते हैं। ऐसे में जानते हैं एक आम इंसान 'बापू' यानि भगवान कैसे बना और भगवान बनकर वो कैसे पहुंचे जेल।
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आसाराम का असली नाम
पाकिस्तान के सिंध इलाके में 1941 में आसाराम का जन्म हुआ था। आसाराम का असली नाम असुमल हरपलानी है। भारत-पाकिस्तान के बंटवारे के समय उनका परिवार अहमदाबाद में आ गया था। कहते हैं, महज 20 बरस की उम्र से ही उनका रूख आध्यात्म की ओर हो गया। उनकी मां महंगीबा और पिता थाऊमल सिरूमलानी था।
घर चलाने कि लिए किया काम
जब बापू का परिवार गुजरात आया तो उसको कई तरह की आर्थिर परेशानियों का सामना करना पड़ा था। कहते हैं यहां पर उनके पिता ने शक्कर बेचने का बिजनेस शुरू किया। लेकिन कुछ समय बात उनके पिता का निधन हो गया था और इनकी ऑटोबायोग्राफी 'संत आसाराम बापूजी की जीवन झांकी के मुताबिक पिता के निधन के बाद इन्होंने कोयले का व्यापार किया था। लेकिन उन्होंने इसको ज्यादा समय तक नहीं किया और खुद को संत बनाने की ठानी।
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कहां से ली दीक्षा
कहते हैं 20 साल की उम्र में आसाराम बापू ने अपना घर छोड़ दिया और भारूच स्थित एक आश्रम में आध्यात्मिक शिक्षा लेने पहुंच गए थे। उन्होंने यहां पर लीलाशाह नाम के एक गुरू से दीक्षा ली। दीक्षा से पहले इन्होंने खुद को साबित करने के लिए 40 दिनों तक साधना की।
आसाराम कैसे मिला नाम
इनके गुरू ने इनका नाम 'आसाराम' रखा। गुरु से शिक्षा लेने के बाद आसाराम ने जगह-जगह जाकर प्रवचन देना शुरू किया और लोगों से बदले में भेंट लेने लगे। धीमें धीमें उनके सत्संग में एक बड़ी संख्या में लोग आने लगे। इस भीड़ में छोटे से लेकर बड़े तक हर कोई शामिल होने लगा। कहते हैं साल 2012 में गोधरा के पास उनका हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया जिसमें संयोग से आसाराम, पायलट समेत सभी यात्री बच गए। बस इसके बाद से आसाराम बापू सभी के लिए भगवान बन गए और उनके श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ गई।
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ऐसे बढ़ता रहा साम्राज्य
खुद की प्रसिद्ध पाने के बाद उन्होंने अहमदाबाद के पास मुटेरा कस्बे में अपना पहला आश्रम खोला। जहां धीरे-धीरे इलाके के लोग उनके पास आने लगे और आज उनके 400 आश्रम और 4 करोड़ अनुयायी होने का दावा किया जाता है। साल 2016 में आयकर विभाग ने इनकी 2300 करोड़ से ज़्यादा की अघोषित संपत्ति उजागर की थी।
क्या है आसाराम पर आरोप
साल 2013 में शाहजहांपुर की 16 वर्षीय लड़की ने आसाराम पर उनके जोधपुर आश्रम में बलात्कार किए जाने का आरोप लगाया था। यह मामला दिल्ली के कमला मार्केट थाने में दर्ज कराया गया था, जिसे बाद में जोधपुर स्थानांतरित कर दिया गया। आसाराम को जोधपुर पुलिस ने 31 अगस्त 2013 को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में बंद हैं। आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान और गुजरात में दर्ज मामलों में जमानत देने से इनकार कर दिया था। सूरत में भी दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं पर बंधक बनाने और रेप का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था।