केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देनेवाला आर्टिकल 370 को हटाने की पेशकश की है। आज (6 अगस्त) को जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल लोकसभा में पेश हुआ। अनुच्छेद-370 पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में जवाब देते हुये कहा, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) पर हमारा दावा आज भी उतना ही मजबूत है जितना पहले थे। उसकी 24 की 24 सीटें हमारा हिस्सा रहने वाली हैं। शाह ने कहा, थोड़ी ही देर में अनुच्छेद 370 खत्म हो जाएगा। मैं इसके लिए हमारे नेता प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं, जिनकी दृढ़ इच्छाशक्ति की वजह से यह संभव हो पाया।
अमित शाह ने जवाब देते हुये कहा, पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की वजह से आज POK का मसला है। उन्होंने देश की सेना को उस वक्त आजादी नहीं दी थी, अगर दी होती तो हालात कुछ और ही होते।
अमित शाह ने कहा, ''हम कभी ये नहीं क्यों कहते कि पंजाब भारत का अभिन्न अंग है। हम कभी ये क्यों नहीं कहते है कि उत्तर प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है। सिर्फ कश्मीर के लिए ही ऐसा क्यों कहा जाता है? क्योंकि 370 उसको भारत से अलग करने का काम करता था। 370 ने उसको देश के अलग कर दिया है। कश्मीर में अलगावाद की भावना को पाकिस्तान आये दिन पेट्रोल डालकर भड़काता रहता है। आर्टिकल 370 कश्मीर को भारत से जोड़ती नहीं थी वह इससे अलग रखती थी।''
अमित शाह ने जवाब देते हुये कहा, कांग्रेस नेता अधीर रंजन यूएन का जिक्र कर रहे थे, मैं पूछना चाहता हूं कि कश्मीर के मामले को यूएन में कौन लेकर गया? वो जवाहर लाल नेहरू थे जो इस मामले को लेकर यूएन गये थे।
अमित शाह ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन के सवाल का जवाब देते हुये कहा, 'मैं जो बिल लेकर सदन में उपस्थित हुआ हूं उसमें अक्साई चिन और पीओके समेत एक-एक इंच जमीन का जिक्र है।''
अमित शाह ने कहा, 370 हटाना इसलिए जरूरी है क्योंकि वह देश की संसद के महत्व को कम करता है। इस देश का कानून वहाँ तक नहीं पहुंचता है वहाँ के लोगों के मन में अलगाववाद को बढ़ाता है। अमित शाह ने कहा, 370 और 371 की कोई तुलना नहीं है।
राज्यसभा ने सोमवार को अनुच्छेद 370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को दो केन्द्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी है। पांच अगस्त को राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक को पास कर दिया गया है। बिल के पक्ष में 125 वोट और 61 विपक्ष में वोट पड़े हैं।
कश्मीर में फिलहाल धारा 144 लागू है। कई बड़े नेताओं को नजरबंद किया गया है। हालात को देखते हुये राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी कश्मीर गये हैं।