श्रीनगर, 23 जून: बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह शनिवार दोपहर जम्मू पहुंचकर बैठक की अध्यक्षता की और पार्टी के कई नेताओं और प्रतिनिधिमंडलों से मुलाकात करने के बाद जनता को संबोधित किया। सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अमित शाह ने आर्मी जवान औरंगजेब और पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का किया विरोध किया है। उन्होंने बलिदान दिवस के बारे में कहा कि श्यामा प्रसाद मुर्खजी ने जम्मू कश्मीर को खून से सींचा है। बतादें कि भारतीय राजनीति में कांग्रेस के एकाधिकारी को चुनौती देने वाले और जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की आज पुण्यतिथि है। 23 जून 1953 में उनका निधन हो गया था। इस दिन बीजेपी इसे बलिदान दिवस के रूप में भी मनाती है। अमित शाह इसी मौके पर शनिवार को कश्मीर में रैली की है।
उन्होंने आगे कहा , आज पूरा देश राहुल गांधी जी से जानना चाहता है कि ये कौन सा रिश्ता है जो लश्कर-ए-तैयबा और गुलाम नबी आजाद के विचार एक समान हो जाते हैं। गुलाम नबी आजाद का बयान लश्कर-ए-तैयबा से मिलता है। कांग्रेस के नेता कश्मीर के संबंध में बयान करते हैं और उनके बोलते ही लश्कर-ए-तैयबा उसका समर्थन कर देता है। कांग्रेस पार्टी को इस पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी द्वारा किए गए आंदोलनों और उनके बलिदान का ही परिणाम है जिसने जम्मू-कश्मीर से परमिट व्यवस्था को समाप्त किया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर के लिए आंदोलन की, लेकिन कश्मीर में उनकी हत्या कर दी गई।
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शाह ने कहा, बीजपी की सरकार आतंकवाद के खिलाफ जरूर जिरो टॉलरेंस की नीति रखती है। राज्यपाल शासन से सबकी यही अपेक्षा होनी चाहिए कि यहां शांति और विकास का कार्य हो।
पीडीपी से गठबंधन टूटने के बारे में उन्होंने कहा, यहां हम जैसा विकास चाह रहे थे वह हो नहीं रहा था। जम्मू और लद्दाख में बराबर विकास नहीं हुआ। नरेंद्र मोदी सरकार ने पैसा भेजा लेकिन उसका इस्तेमाल नहीं किया गया। जम्मू-लद्दाख में समान विकास न होने की वजह से हमने सत्ता छोड़ी है। भारत एक लोकतंत्र है, किसी भी अखबार का एडिटर कुछ भी लिख सकता है। उसके लिखने की वजह से शुजात बुखारी की हत्या कर दी जाती है। हमने सोचा सत्ता में रहने से अच्छा है हम विपक्ष में रहें।
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शाह ने यह भी कहा, कोई भी अगर हमारे देश की सीमाओं से छेड़छाड़ करने का प्रयास करेगा तो हमारी देश की सेना उसे माकूल जवाब देने के लिए पूरी तरह सक्षम है। उन्होंने यह भी कहा,14वें वित्त आयोग में मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर को 3 लाख करोड़ रुपये देने का काम किया है लेकिन फिर भी विकास नहीं हुआ। जो 70 साल में नहीं हुआ वह मोदी सरकार ने जम्मू और कश्मीर के विकास के लिए करने का प्रयास किया लेकिन राज्य की सरकार द्वारा कोई विकास का कार्य आगे नहीं बढ़ाया।
शाह ने कहा, मैं जम्मू और कश्मीर की जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ, कांग्रेस पार्टी कितना भी षड्यंत्र करले लेकिन कोई भी जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग नहीं कर सकता।देश में अगर किसी राजनीतिक पार्टी की सरकार गिरती है तो वह अफसोस जताते हैं, लेकिन सिर्फ भारतीय जनता पार्टी एकमात्र ऐसी ऐसे पार्टी है जो सरकार गिरती है तो भारत माता की जय के नारे लगाकर उसका स्वागत करती है।
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