नई दिल्ली: दही के पैकेट पर 'दही' शब्द के इस्तेमाल को लेकर हुए विवाद के बीच भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने कई पदनामों के साथ 'दही' शब्द के इस्तेमाल पर दिशा-निर्देशों में संशोधन किया है।
एफएसएसएआई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "हाल ही में किण्वित दुग्ध उत्पादों के मानकों से दही शब्द को हटाने पर कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे, यह निर्णय लिया गया है कि एफबीओ लेबल पर कोष्ठक में किसी अन्य पदनाम (प्रचलित क्षेत्रीय सामान्य नाम) के साथ दही शब्द का उपयोग कर सकते हैं।"
तमिलनाडु के दुग्ध उत्पादन संघ आविन ने कहा है कि वह अपने पैकेट पर हिंदी शब्द 'दही' के बजाय तमिल शब्द 'तायिर' का ही इस्तेमाल करेगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने इन पैकेट पर 'दही' लिखने का निर्देश दिया है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस कदम को "हिंदी को थोपा जाना" बताया और इसकी निंदा की।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, "हिंदी थोपने की बेहिचक जिद हमें हिंदी में एक दही के पैकेट पर भी लेबल लगाने के लिए निर्देशित करने की हद तक आ गई है, हमारे अपने राज्यों में तमिल और कन्नड़ को हटा दिया गया है। हमारी मातृभाषाओं के लिए इस तरह की निर्लज्ज अवहेलना यह सुनिश्चित करेगी कि जिम्मेदार लोगों को दक्षिण से हमेशा के लिए भगा दिया जाए।"
यह कहते हुए कि स्थानीय भाषा में एक शब्द का इस्तेमाल किया जाना चाहिए, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने एफएसएसएआई से लोगों की भावनाओं का सम्मान करने को कहा। एफएसएसएआई के निर्देश के अनुसार, 'दही' (अंग्रेजी) या 'तायिर' (तमिल) को अब 'दही' (हिंदी) के रूप में लेबल किया जाएगा। एफएसएसएआई ने यह भी कहा कि तमिल शब्दों जैसे "तायिर" को कोष्ठक में इस्तेमाल किया जा सकता है। एफएसएसएआई ने तमिल और कन्नड़ शब्द - 'तैय्यर' और 'मोसरू', क्रमशः - 'कोष्ठक में इस्तेमाल किए जा सकते हैं' भी कहा।