मुंबई:उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे अकेले ऐसे ठाकरे भाई नहीं हैं जो दशकों बाद आज ‘मराठी गौरव’ मनाने के लिए एक साथ आए हैं। रैली में उनके बेटे आदित्य ठाकरे और अमित ठाकरे भी अपना समर्थन दिखाने के लिए एक साथ आए। एक वीडियो में उद्धव के बेटे आदित्य और राज के बेटे अमित एक दूसरे के बगल में खड़े होकर रैली में मौजूद लोगों का आभार जताते हुए दिखाई दे रहे हैं। तभी नेशनल कांग्रेस पार्टी की नेता और सांसद सुप्रिया सुले आती हैं, उनका हाथ पकड़ती हैं और उन्हें राज और उद्धव के बगल में खड़ा कर देती हैं, जबकि सभी नेता फोटो खिंचवाते हैं।
आदित्य अपने चाचा राज के बगल में खड़े होते हैं, जबकि अमित भी अपने चाचा उद्धव के बगल में खड़े होते हैं। दूसरे वीडियो में अमित और आदित्य एक दूसरे से हाथ मिलाते हैं और गले मिलते हैं। इसके बाद वे एक दूसरे के बगल में खड़े होकर फोटो खिंचवाते हैं और एक दूसरे को गले लगाते हैं। इसके बाद दर्शक तालियां बजाते हैं।
राजनीतिक परिवार की कई पीढ़ियों से चले आ रहे ठाकरे के इस बड़े पुनर्मिलन का आयोजन ऐसे समय में हुआ, जब उन्होंने महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में शामिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहले जारी किए गए दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लेने का जश्न मनाया। इस कदम से राज्य में एक बड़ा भाषा विवाद शुरू हो गया।
20 साल बाद फिर साथ आए
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे 20 साल बाद एक साथ मंच पर साथ आए और मराठी लोगों पर हिंदी थोपने के खिलाफ खड़े हुए। हजारों समर्थकों की मौजूदगी में आयोजित रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि जो काम शिवसेना के संस्थापक और उनके चाचा बालासाहेब ठाकरे नहीं कर पाए, वह देवेंद्र फडणवीस ने कर दिखाया - दोनों चचेरे भाइयों को साथ लाकर।