देश में 150 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा लागत वाली केंद्र की 1736 बुनियादी ढांचा परियोजनाएं निर्धारित वक्त से देरी से चल रही हैं।
इनमें से 449 तय लागत से ज्यादा की हो चुकी हैं, 547 विलंबित हो चुकी हैं और 208 परियोजनाएं लागत और समय दोनों ही लिहाज से पिछड़ चुकी हैं। यानी सबी 1736 परियोजनाए या तो वक्त से पीछे हैं या तय लागत को पार कर चुकी हैं।
धक्कादायक तौर पर 150 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत की 1736 परियोजनाओं में से 547 विलंबित परियोजनाओं की लागत 291013.58 करोड़ रुपये बढ़ गई है।
इसमें वह परियोजनाए तो शामिल ही नहीं हैं जिनकी लागत 150 करोड़ से कम है। यह सब इस बात के बावजूद कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद 150 करोड़ रुपये से ज्यादा लागत की परियोजनाओं की हर माह समीक्षा करते हैं।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय इस बाबत आंकड़े ऑनलाइन कम्प्युटराइज्ड मॉनिटरिंग सिस्टम (ओसीएमस) में एकत्रित करता है। यह जानकारी बुधवार को संसद में सांख्यकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन व योजना मंत्री राव इंदरजीत सिंह ने दी।
मंत्री ने बताया कि पीएम हर माह 'प्रगति' बैठकों में संबंधित मंत्रालयों/विभागों के सचिवों और राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ भाग लेते हैं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के विलंब के कई कारण होते हैं, जैंसे तकनीती, आर्थिक, प्रशासनिक या अन्य.