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मध्य प्रदेश के जीका संक्रमण के नमूने पुणे भेजे गए, अब तक 127 की मौत, जानें बचने के उपाय

By गुलनीत कौर | Published: November 17, 2018 2:24 PM

जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली एक वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फैलाने वाले एडीज इजिप्टी मच्छर होते हैं। इस वायरस की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे का मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है और यह एक स्थाई समस्या बन जाती है।

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एम्स भोपाल ने मध्य प्रदेश में जीका संक्रमण से पीड़ित लोगों के नमूने जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) पुणे भेज दिए हैं। एनआईवी इस बात की जांच करेगा कि क्या ये नमूने जयपुर में जीका संक्रमित मरीजों के नमूनों से मेल खाते हैं या नहीं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के एक अधिकारी ने कहा कि अगर ये नमूने एक जैसे पाए गए तो ये माना जा सकता है कि वायरस जयपुर के मध्य प्रदेश आए किसी यात्री के साथ वहां पहुंचा है।

मध्य प्रदेश में बड़े अस्पतालों से लेकर जिला अस्पतालों में भी जीका बुखार के उपचार की व्यवस्था की गई है। जिले के लोगों से डेंगू के मच्छर को मारने तथा बचने के लिये सलाह भी दी है तथा इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

क्या है जीका वायरस?

जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली एक वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फैलाने वाले एडीज इजिप्टी मच्छर होते हैं। जीका वायरस जानलेवा नहीं होता लेकिन इसके कारण गर्भवती महिलाओं को बहुत खतरा होता है।

इस वायरस की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे का मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है और यह एक स्थाई समस्या बन जाती है। जीका वायरस से प्रभावित शख्स को काफी तेज बुखार आता है, जोड़ों में दर्द होता है और शरीर पर रेशेज (लाल धब्बे) हो जाते हैं।

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जीका वायरस का इलाज

इस वायरस का कोई टीका नहीं है, न ही कोई उपचार है। इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) दी जाती है। जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं।

जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल और खून को जांचे बिना शरीर में ना चढ़वाना। 

मध्य प्रदेश में जीका वायरस से 127 की मौत

मध्य प्रदेश में जीका संक्रमण के मामले बढ़कर 127 हो गए हैं, जिनमें 40 गर्भवती महिलाएं शामिल हैं। इसके अलावा संक्रमण से दो लोगों की जान जा चुकी है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि मृतक इन्फेक्शन और दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित थे।

मध्य प्रदेश के 7 जिलों में लोग जीका से संक्रमित पाए गए हैं। इसके अलावा जयपुर में जीका के 159 मामले सामने आए हैं। जीका के बढ़ते मामलों के मद्देनजर मध्य प्रदेश में खासी निगरानी बरती जा रही है। सरकार ने इसके लिए सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

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