लाइव न्यूज़ :

World Population Day: जनसंख्या रोकने का सरल और सस्ता उपाय है नसबंदी, फिर भी इससे क्यों बचते हैं पुरुष?

By उस्मान | Published: July 10, 2019 2:39 PM

World Population Day: मेडिकल क्षेत्र में परिवार नियोजन के लिए नसबंदी को एक बेहतर उपाय माना गया है। पुरुषों के लिए यह गर्भनिरोध का सबसे सरल, सुरक्षित और कम खर्चीला उपाय है। लेकिन लोग इसमें खास दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। पुरुषों को ऐसा लगता है कि फैमिली प्‍लानिंग और नसबंदी सिर्फ महिलाओं की जिम्‍मेदारी है।

Open in App

विश्‍व जनसंख्‍या दिवस (World Population Day) हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्‍य तेजी से बढ़ती जनसंख्या के प्रति लोगों में जागरूकता पैदा करना है। 11 जुलाई 1987 को यह दिवस पहली बार मनाया गया था क्‍योंकि इसी दिन विश्‍व की जनसंख्‍या 5 अरब के पार हो गई थी। इसे देखते हुऐ संयुक्त राष्ट्र ने जनसंख्या वृद्धि को लेकर दुनियाभर में जागरूकता फैलाने के लिए इस दिन को मनाने का फैसला लिया। 

भारत की जनसंख्या 

भारत में बढ़ती जनसंख्‍या की वजह से देश को लगातार बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा अनुमान है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित और स्वस्थ रह पाना मुश्किल होगा। ऐसा अनुमान के मुताबिक भारत में एक मिनट में लगभग 25 बच्‍चे जन्‍म लेते हैं।

जनसंख्‍या के हिसाब से चीन के बाद भारत दूसरे स्‍थान पर है। देश में बढ़ती जनसंख्या को देखते हुए भारत सरकार परिवार नियोजन के कई कार्यक्रम चला रही है। लेकिन सवाल यह है कि क्या देश के लोग भी सरकार के इस कार्यक्रम में समर्थन दे रहे हैं या नहीं?  

जनसंख्या और नसबंदी

मेडिकल क्षेत्र में परिवार नियोजन के लिए नसबंदी को एक बेहतर उपाय माना गया है। पुरुषों के लिए यह गर्भनिरोध का सबसे सरल, सुरक्षित और कम खर्चीला उपाय है। लेकिन लोग इसमें खास दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। पुरुषों को ऐसा लगता है कि फैमिली प्‍लानिंग और नसबंदी सिर्फ महिलाओं की जिम्‍मेदारी है।

पुरुष नसबंदी में शुक्रवाहिका या वास डिफेरेन्स नामक नलिका नामक दो ट्यूबों को काट दिया जाता है जिससे शुक्राणु वीर्य तक पहुंच ही नहीं पाते हैं। लेकिन सवाल यह है कि पुरुष नसबंदी करवाने से क्‍यूं बचते हैं? दिल्ली के मशहूर सेक्सोलॉजिस्ट विनोद रैना आपको इस सवाल का जवाब दे रहे हैं। 

1) टांके का डर

पुरुषों को लगता है कि नसबंदी के दौरान उन्‍हें चीरा लगाया जाएगा। टांके और चीरे की नाम से वो डर जाते है। लेकिन वर्ष 1998-99 के दौरान एनएसवी (नो स्कैल्पल वसेक्टमी) के रूप में नसबंदी की नई टेक्निक शुरु हुई थी। जिसमें बिना चीरा और टांके की नसबंदी का चलन शुरु हो गया है। 

2) दिल की सेहत पर असर

कई लोग ऐसा मानते हैं कि नसबंदी के कारण पुरुषों के दिल पर बुरा असर पड़ता है। लेकिन वास्‍तव में ऐसा नहीं है। अभी तक इस बात का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।

चावल को दोबारा गर्म करके खाने से धीरे-धीरे इन 4 जानलेवा रोगों से घिर जाएंगे आप

3) दर्द की चिंता

कई पुरुष दर्द की वजह से नसबंदी नहीं कराते हैं। एनएसवी टेक्निक में बहुत अधिक दर्द नहीं होता है और अब पुरुष नसबंदी कराके जल्दी अपने काम पर लौट सकते हैं, इस तकनीक में एनेस्थीसिया देते समय इंजेक्शन लगाने के दौरान, नाममात्र का ही दर्द होता है।

4) इरेक्शन में कमी

ज्‍यादात्तर पुरुषों को लगता है कि नसबंदी करवाने से उनकी सेक्‍स लाइफ पर असर पड़ता है। नसबंदी के बाद सेक्‍स प्‍लेजर नहीं मिलता है। नसबंदी के बाद कुछ महीनों तक टेस्टिकल में आपको हल्का दर्द हो सकता है। लेकिन सेक्स में दिलचस्पी, इरेक्शन, या स्खलन पर कोई प्रभाव नहीं होता। इससे अनचाहें गर्भ की चिंता दूर हो जाती है।

इन चीजों को नहीं खाने से होती है सफेद बाल, मुंह पर दाने, होंठ फटने की समस्या, ऐसे मिलेगा छुटकारा

5) हार्मोन पर असर

कई पुरुषों की गलत धारणा है कि नसबंदी के बाद पुरुषों के हार्मोन पर फर्क पड़ता है लेकिन यह गलत है। नसबंदी में शुक्राणु वाहिनी नालिकाओं को बांध दिया जाता है। जिससे शुक्राणु शरीर के बाहर न‍हीं जा पाते हैं ये शरीर में ही घुलकर रह जाते हैं। इस प्रकार शरीर के स्‍वस्‍थ रहने भी सहायक होते है। इससे पुरुषों के टेस्‍टोस्‍टेरोन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।  

6) कमजोरी का डर

कई पुरुषों को लगता है कि नसबंदी कराने से पुरुषों में शारीरिक कमजोरी आ जाती है। लेकिन ये गलत धारणा है। रोजाना के कामों पर लौटने के ल‍िए पुरुषों को नसबंदी के बाद एक दो दिन का आराम बहुत जरूरी होता है। ज्यादातर पुरुष 2-3 दिन बाद काम पर जा सकते हैं। हालांकि दौड़ना, वर्कआउट, भारी समान उठाना आदि से कुछ दिन बचना चाहिए।

टॅग्स :वर्ल्ड पापुलेशन डेसेक्सहेल्थ टिप्समेंस हेल्थ टिप्स इन हिंदीवीमेन हेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यखाली पेट मेथी के बीज का पानी पीने के होते हैं कई फायदे, नियंत्रित रहता है ब्लड शुगर, वजन घटाने में मिलेगी मदद

स्वास्थ्यसिर्फ 3 नाइट शिफ्ट से बढ़ सकता है मधुमेह और मोटापे का खतरा, स्टडी में हुआ खुलासा

स्वास्थ्यWest Nile fever in Kerala: क्या है वेस्ट नाइल वायरस, जानें इसके लक्षण और बीमारी से बचने के तरीकों के बारे में

स्वास्थ्यबच्चों में उल्टी और दस्त को नियंत्रित करने में मदद करेंगे ये 5 फूड आइटम्स, जानें इनके बारे में

स्वास्थ्य"स्वास्थ्य के लिए अच्छे नहीं प्रोटीन पाउडर": ICMR ने किया प्रोटीन सप्लीमेंट से बचने का आग्रह, जानें क्या है कारण

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यएक यूजर ने अमूल प्रोटीन लस्सी में काला पदार्थ मिलने का दावा किया, बताया सेहत के लिए हानिकारक, सोशल मीडिया पर साझा की तस्वीर

स्वास्थ्यदिल का दौरा: इन संकेतों से पहचानें, समय रहते करें उपाय, जानिए हार्ट अटैक के लक्षण, कारण और बचाव के तरीके

स्वास्थ्यव्यस्त शेड्यूल में भी शारीरिक रूप से कैसे सक्रिय रहें! ये छोटे टिप्स हैं बेहद काम के, जानिए

स्वास्थ्यWorld Lupus Day May 10, 2024: समय रहते करा लें इलाज!, ल्यूपस के मरीज जी सकते हैं सामान्य जीवन, आखिर क्या है, ये है लक्षण 

स्वास्थ्यRebecca Syndrome: अपने एक्स पार्टनर को भूल नहीं पा रहे आप, रोज सोशल मीडिया पर करते हैं चेक तो हो जाए सावधान, हो सकती है ये गंभीर बीमारी