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ये 5 कारण बताते हैं कि आखिर क्यों वेस्टर्न पॉट से बेहतर है इंडियन टॉयलेट

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 24, 2019 15:33 IST

वेस्टर्न स्टाइल वाले टॉयलेट आने के नई बन रही बिल्डिंग, होटल, मकानों में इंडियन स्टाइल वाले पॉट की संख्या ज्यादा देखने को मिल रही है।

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ठळक मुद्देवेस्टर्न स्टाइल वाले टॉयलेट को इस्तेमाल के दौरान पेट पर किसी भी तरह का दबाव नहीं पड़ता जबकि इंडियन पॉट का इस्तेमाल करने के दौरान पेट पर दबाव पड़ता है।वेस्टर्न स्टाइल वाले टॉयलेट में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल होता जिससे पेपर की बर्बादी होती है।

देश-दुनिया में कई तरह के बदलावों के साथ वॉशरूम में भी बदलाव आने लगा है। धीरे-धीरे अब अधिकतर लोग वेस्टर्न टॉयलेट की तरफ बढ़ रहे हैं। हालांकि कई लोग अभी भी सिर्फ इंडियन पॉट को ही इस्तेमाल करने में कंफर्टेबल हैं। लेकिन जो लोग वेस्टर्न टॉयलेट की तरफ बढ़ रहे हैं उनको इससे होने वाले नुकसान जान लेना जरूरी है साथ ही यह भी जान लें कि इंडियन पॉट के फायदे क्या हैं.?

-वेस्टर्न टॉयलट भले ही कंफर्टेबल हो लेकिन इनके कई नुकसान भी हैं। इंडियन टॉयलेट को इस्तेमाल करने के दौरान शरीर की एक्सरसाइज हो जाती है जिसका आपकी बॉडी पर असर दिखता है। यह आपकी सेहत के लिए अच्छा है। अधिकांश लोग एक्सरसाइज का महत्व जानते भी होंगे। 

-इंडियन टॉयलेट को इस्तेमाल करने के दौरान स्क्वेट एक्सरसाइज हो जाती है। इसके इस्तेमाल के दौरान ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है साथ ही हाथ और पैर की भी एक्सरसाइज हो जाती है।

-वेस्टर्न स्टाइल वाले टॉयलेट को इस्तेमाल के दौरान पेट पर किसी भी तरह का दबाव नहीं पड़ता जबकि इंडियन पॉट का इस्तेमाल करने के दौरान पेट पर दबाव पड़ता है। यह पेट की सफाई और डाइजेशन और दोनों के लिए अच्छा है।

-वेस्टर्न स्टाइल वाले टॉयलेट में टॉयलेट पेपर का इस्तेमाल होता जिससे पेपर की बर्बादी होती है। जबकि इंडियन टॉयलेट में कोई पेपर नहीं इस्तेमाल होता। वेस्टर्न टॉयलेट में पानी भी ज्यादा इस्तेमाल होता है जबकि इंडियन टॉयलेट में पानी की बर्बादी कम होती है।  

-कई मामलों में गर्भवती महिलाओं के लिए भी इंडियन स्टाइल वाले पॉट को बेहतरीन बताया गया है। इसको इस्तेमला करने के दौरान बॉडी का जो पोस्चर होता है उससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।

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